बिहार बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा 2020 में कुछ अंकों से फेल हुए छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने बताया कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं का एक साल बर्बाद ना हो इसलिए विभाग ने यह फैसला लिया है.
पटना: बिहार बोर्ड की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा 2020 में कुछ अंकों से फेल हुए छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है. सूबे के शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी के मद्देनजर नजर उन बच्चों को पास किया है जो कुछ अंकों से किन्हीं विषयों में फेल हुए थे और कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था, उन्हें ग्रेस मार्क्स दे कर पास किया गया है.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने गुरुवार को बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से इंटरमीडिएट और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा, 2020 में सम्मिलित वैसे विद्यार्थी जो एक या दो विषयों में फेल होने के कारण कम्पार्टमेंटल परीक्षा, 2020 में शामिल होने के लिए पात्र थे, उन्हें कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न अत्यंत विषम परिस्थितियों के मद्देनजर एक बार के लिए लागू अपवाद के अंतर्गत कुछ अतिरिक्त अंकों का ग्रेस देकर उत्तीर्ण करने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर शिक्षा विभाग की ओर से सहमति दे दी गई है.
इस संबंध में उन्होंने बताया कि पहले के वर्षों की तरह इस वर्ष भी इंटरमीडिएट और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा, 2020 में एक या दो विषयों में फेल विद्यार्थियों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया जाता, लेकिन इन विद्यार्थियों के लिए कंपार्टमेंटल परीक्षाओं का आयोजन फिलहाल कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के चलते आने वाले दो-तीन महीने के अन्दर कराया जाना संभव नहीं लग रहा है.
उन्होंने कहा," कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बीच अगर अगले दो-तीन महीने के बाद कंपार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन किया भी जाता, तो रिजल्ट नवम्बर या दिसम्बर महीने तक आता, जिससे संबंधित विद्यार्थियों को इस वर्ष की कंपार्टमेंटल परीक्षा में पास होने का कोई लाभ नहीं होता, क्योंकि तब तक अधिकतर शिक्षण संस्थानों में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाती. ऐसी परिस्थिति में कोविड-19 महामारी के कारण कंपार्टमेंटल परीक्षा आयोजन नहीं कर पाने से कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना थी.
इसलिए, इन कारणों के आलोक में और छात्रहित में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटरमीडिएट और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा, 2020 में एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण वैसे विद्यार्थियों जो इंटर और मैट्रिक की कंपार्टमेंटल परीक्षा, 2020 में शामिल हो सकते थे, को एक बार के लिए अपवादस्वरूप कुछ अतिरिक्त ग्रेस अंक देकर उत्तीर्ण करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेजा गया था, जिस पर शिक्षा विभाग ने सहमति प्रदान की है.
ऐसे में शिक्षा विभाग, बिहार ने आज मैट्रिक और इंटर की कम्पार्टमेंटल परीक्षा, 2020 में सम्मिलित होने के लिए पात्र विद्यार्थियों में से अतिरिक्त अंकों का ग्रेस पाकर उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों की सूची जारी की है, जो समिति की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस अवसर पर आर.के महाजन, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग और आनन्द किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति भी उपस्थित थे.
बता दें कि इंटरमीडिएट और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थी जो एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण रहते हैं, कम्पार्टमेंटल परीक्षाओं में शामिल होने के लिए पात्र होते हैं. इस प्रकार, वर्ष 2020 में इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा में कुल 46,005 विद्यार्थी एक विषय में और 86,481 विद्यार्थी दो विषयों में अनुत्तीर्ण थे, मतलब दोनों को मिलाकर कुल- 1,32,486 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण थे, जो इंटरमीडिएट की कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र थे.
इसी तरह, वर्ष 2020 में मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में कुल 1,08,459 विद्यार्थी एक विषय में तथा 99,688 विद्यार्थी दो विषयों में अनुत्तीर्ण थे, मतलब दोनों को मिलाकर कुल- 2,08,147 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण थे, जो मैट्रिक की कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र थे.
लेकिन आज जारी सूची में इंटर में कुल- 1,32,486 विद्यार्थी जो अनुत्तीर्ण थे और कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल हो सकते थे, उनमें से कुल- 72,610 विद्यार्थी अतिरिक्त ग्रेस अंक पाकर उत्तीर्ण हुए हैं, जो कुल का 54.81 प्रतिशत है. इसी तरह, मैट्रिक में कुल- 2,08,147 विद्यार्थी जो अनुत्तीर्ण थे और कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल हो सकते थे, उनमें से कुल- 1,41,677 विद्यार्थी अतिरिक्त ग्रेस अंक पाकर उत्तीर्ण हुए हैं, जो कुल का 68.07 प्रतिशत है.
इस अवसर पर कृष्णनंदन वर्मा ने बताया कि यह निर्णय विद्यार्थियों के हित में लिया गया है, क्योंकि समिति की ओर से आयोजित कम्पार्टमेंटल परीक्षाओं में जो विद्यार्थी उत्तीर्ण हो जाते हैं, वे उसी सत्र में नामांकन ले लेते हैं. इस तरह राज्य सरकार की ओर से लिए गए इस निर्णय से हजारों विद्यार्थी लाभांवित होंगे और कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति के कारण उनका एक साल खराब नहीं होगा.