Cryptocurrency Fraud: सीवान के मशहूर डॉक्टर इंद्रमोहन कुमार के बेटे अनुराग पर रोहतक में 63 लाख 50 हजार रुपये की ठगी का मामला दर्ज हुआ है. अनुराग मेडिकल का छात्र है. उस पर आरोप है कि उसने अपने ही जानने वाले मेडिकल के एक दूसरे छात्र से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर यह धोखाधड़ी की है. अनुराग के दोस्त कृष के पिता राजकुमार के आवेदन पर रोहतक के सांपला थाने में तीन सितंबर को शिकायत दर्ज की गई है. आरोपित अनुराग फरार है.


इस मामले में रोहतक की अदालत में अग्रिम जमानत के संबंध में सुनवाई हुई थी. हालांकि जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया था. याचिकाकर्ता अनुराग के अधिवक्ता अ‌द्वैत सिंह सिरोही ने गिरफ्तारी पर स्टे देने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने सुनवाई की तारीख 27 सितंबर तक बढ़ा दी. 


अब समझें केस से जुड़ी पूरी कहानी


बताया जाता है कि कृष एमबीबीएस फाइनल ईयर का छात्र है जबकि अनुराग फर्स्ट ईयर में पढ़ता है. कृष के पिता राजकुमार का कहना है कि अनुराग ने रुपयों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने के नाम पर (तीन से चार बार) धोखा देकर उनके बेटे से करीब 63 लाख 50 हजार रुपये ऐंठ लिए. उसने (अनुराग) बताया था कि उसका एक ऑफिस है और पूरा सिस्टम वहां लगा है. माइनिंग से वह हर साल करोड़ों कमा रहा है. जब उनको पता चला कि बेटे के साथ ठगी हुई है तो उन्होंने अनुराग से अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए. पैसे नहीं मिलने के बाद मामला थाने तक पहुंचा. 


यह पूरा मामला मई 2024 का है. थाने में दिए गए आवेदन में यह कहा गया है कि पैसे लेने के बाद 8 महीने में रुपये तीन से चार गुणा करने की बात कहकर कृष को झांसे में अनुराग ने लिया था. 63 लाख 50 हजार रुपये में से 19 लाख 50 हजार एक सप्ताह में वापस करने के नाम पर आश्वासन देकर उसने लिए थे. इस पूरे मामले में पुलिस ने जब जांच शुरू की तो अनुराग के एक दोस्त उत्कर्ष ने यह बात पुलिस को बताई कि कुछ पैसे अनुराग ने उसके अकाउंट में मंगवाए थे.


डॉक्टर इंद्रमोहन कुमार ने दी सफाई


पूरा मामला सामने आने के बाद रविवार (22 सितंबर) को एबीपी न्यूज़ ने फोन पर आरोपित अनुराग के पिता डॉक्टर इंद्रमोहन कुमार से उनका पक्ष जाना. उन्होंने कहा कि बेटे पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है. उसने कृष से कोई रुपये नहीं लिए हैं. उल्टा अनुराग से ही एक करोड़ मांगे जा रहे थे.


डॉक्टर इंद्रमोहन का कहना है कि हमलोग अनुसूचित जाति से आते हैं. पिछले कई महीनों से उनके बेटे को परेशान किया जा रहा था. उससे क्रिप्टोकरेंसी में रुपये लगाने के लिए दबाव बना रहे थे. वो लोग कहते थे कि तुम्हारे पिता डॉक्टर हैं. उनके पास पैसा है. एक करोड़ मांग कर लाओ. जब मेरे बेटे अनुराग ने कहा कि नहीं हो पाएगा तो उन लोगों ने जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गालियां दीं. हम लोगों ने सीवान के एससी-एसटी थाने में 18 अगस्त को ही मामला दर्ज करा दिया था. उन लोगों ने अपने बचाव के लिए उनके बेटे पर सितंबर में केस दर्ज कराया है.


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