सुपौल: मुजफ्फरपुर डीटीओ रजनीश लाल के खिलाफ बिहार के सुपौल जिले में मामला दर्ज किया गया है. जिले के निर्मली थाना क्षेत्र में आठ साल पहले सीएफएल खरीद मामले में सरकारी राशि का गबन किए जाने के मामले में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर निर्मली नगर पंचायत के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी मोहम्मद नूरुल ऐन ने शुक्रवार को तत्कालीन प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी रजनीश लाल, मुख्य पार्षद स्वास्तिका देवी, नाजिर सह प्रधान सहायक संजय कुमार और सीएफएल सप्लायर संवेदक रीताश्री इंटरप्राइजेज पटना के प्रोपराइटर कृष्ण कुमार पर निर्मली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
मालूम हो कि नगर के वार्ड संख्या-11 के तत्कालीन वार्ड पार्षद अनिल कुमार ने नगर पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट की खरीद में बड़े पैमाने पर हुई वित्तीय अनियमितता से संबंधित आवेदन शहरी एवं आवास मंत्रालय बिहार सरकार और निगरानी विभाग को भेजा था. इस बाबत विभागीय कार्रवाई शुरू हुई थी. अधिकारियों द्वारा जांच भी किया गया. जांच प्रतिवेदन शहरी और आवासीय मंत्रालय राज्य सरकार को समर्पित किया गया. इसी आलोक में ये कार्रवाई हुई है. हालांकि, विभाग को वित्तीय अनियमितता जांच मामले में 8 वर्ष लग गए.
तत्कालीन वार्ड पार्षद ने की थी शिकायत
वार्ड पार्षद अनिल कुमार ने 21 नवंबर, 2012 को नगर पंचायत के वार्ड पार्षदों और सशक्त स्थायी समिति की बैठक में 200 अदद स्ट्रीट लाइट की खरीद कर नगर पंचायत में लगाने के पारित निर्णय के साथ-साथ प्रति पीस बाजार में खुदरा स्ट्रीट लाइट की कीमत एवं नगर पंचायत निर्मली द्वारा थोक में खरीदी गई प्रति पीस स्ट्रीट लाइट की कीमत से विभाग को अवगत कराया था. तुलनात्मक अध्ययन में प्रति स्ट्रीट लाइट 2652 रुपये नगर पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट एजेंसी को अधिक भुगतान पाया गया. अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक स्ट्रीट लाइट खरीद में 2652 रुपए का अधिक भुगतान हुआ है, तो 200 स्ट्रीट लाइट की खरीद में कितनी राशि का भुगतान हुआ होगा. इस वित्तीय अनियमितता का बंदरबांट सभी ने किया था.
आदेश के अनुपालन में हुआ विलंब
वित्तीय अनियमितता मामले में बिहार शहरी एवं आवासीय मंत्रालय पटना के पत्र के आलोक में जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार ने निर्मली नगर के कार्यपालक पदाधिकारी को मामले से संबंधित लोगों पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने निर्देश 22 जून, 2021 को दिया था. किंतु प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा 3 दिन के बाद निर्मली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. अगर प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी ने जिला पदाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश का अनुपालन समय से किया होते तो मुजफ्फरपुर जिला के डीटीओ रजनीश लाल पर पहला मुकदमा निर्मली में ही होता.
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