पटना: देश में जातीय जनगणना (Caste Based Census) कराने की उठ रही मांगों के बीच केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ये कह दिया है कि वो जातीय जनगणना नहीं कराएगी और ये उनका सोचा-समझा फैसला है. केंद्र सरकार के इस कदम के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने इस मुद्दे पर बीजेपी (BJP) को घेरा है. वहीं, पार्टी ने अन्य नेता भी केंद्र सरकार पर हमलावार हैं. उनकी नजरें अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर टिकी हुई हैं. 


जातीय जनगणना नहीं चाहती बीजेपी


आरजेडी (RJD) नेता रामबली सिंह ने कहा, " बीजेपी चाहती ही नहीं कि जातीय जनगणना हो. हमें ये बात पहले से ही पता थी. लेकिन नीतीश कुमार को उम्मीद जगी और दो-दो बार सदन से प्रस्ताव पारित किया गया. नेता प्रतिपक्ष के प्रभाव में मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर बात करने के लिए एक पूरा शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला और उन्होंने भी आश्वासन दिया था. लेकिन कल सरकार ने जो हलफनामा दिया है, उससे ये स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी जातीय जनगणना नहीं चाहती है. जबकि जातीय जनगणना और आरक्षण एक दूसरे के पूरक हैं. इससे ये स्पष्ट होता है कि मौजूदा केंद्र की सरकार आरक्षण विरोधी है.


दूसरी रणनीति तैयार करेंगे


उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए मात्र एक कॉलम जोड़ना था. 26-27 जो कॉलम हैं, उसमें एक कॉलम जोड़ने की जरूरत थी, जिसमें कोई खर्च की बात नहीं थी. ऐसे में अब नीतीश कुमार को तय करना है कि इसे वो अपना जवाब मानते हैं या नहीं. अगर नीतीश कुमार कहते हैं कि केंद्र तैयार नहीं है, तो हम इसके लिए दूसरी रणनीति तैयार करेंगे. मुख्यमंत्री हम लोगों को विश्वास में लेकर केंद्र सरकार तक गए थे और अभी उन्हीं की सरकार है, तो उन्हें ही फैसला लेना होगा कि अब क्या करना है.


आरजेडी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ही ये तय करें कि अब जातिगत जनगणना बिहार में अलग से कराना है या केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है या फिर केंद्र से अपना समर्थन वापस लेना है. इधर, केंद्र सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू (JDU) के प्रवक्ता निखिल मंडल (Nikhil Mandal) ने कहा कि केंद्र सरकार को जन भावना का सम्मान करना चाहिए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार रहेगा.


मुख्यमंत्री सोचेंगे कि क्या करना है


उन्होंने कहा कि बिहार सरकार (Bihar Government) इसके बाद अपना रुख तय करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रुख से अभी बातें स्पष्ट नहीं हुई हैं और हमने अपनी बातें केंद्र के समक्ष रखी है. जब तक वहां से कोई निर्णय नहीं आता, तब तक कोई निर्णय बिहार सरकार नहीं करेगी. हमें ये उम्मीद है कि केंद्र सरकार के तहत ही ये हो जाए. अगर नहीं होता है तो उसके बाद बहुत सारे प्रावधान हैं, मुख्यमंत्री सोचेंगे कि क्या करना है.



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