किशनगंज: जातिगत जनगणना (Caste Census) में जातियों के लिए की गई कोडिंग अभी सुर्खियों में है. इसको लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. किशनगंज में जातिगत जनगणना को लेकर सिख समुदाय के लोगों में काफी आक्रोश है. जातियों के लिए की गई कोडिंग में सिखों के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया है. सिखों का कहना है कि जातिगत जनगणना में सिखों को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया गया है. सुधार नहीं होने पर आंदोलन करेंगे. वहीं, इस मामले पर विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल (Dilip Kumar Jaiswal) ने कहा कि एक धर्म को साफ छोड़ देना, ये पदाधिकारियों की गलती मानी जाएगी.
जातिगत जनगणना की सूची में नहीं मिली है जगह- सिख समुदाय
नाराज सिखों का कहना है कि जातिगत जनगणना में सिखों को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया गया है और अलग से कोई कोड नहीं दिया गया है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार लक्खा सिंह ने कहा कि पूरे देश में सिख समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है लेकिन बिहार में यह दर्जा नहीं मिला है और अब जातिगत जनगणना की सूची में भी सिख समुदाय को जगह नहीं दी गई है.
'अल्पसंख्यक विभाग पर ठिकड़ा फोड़ दिया'
वहीं, इस मामले को लेकर सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने सचेतक विरोधी दल सह विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल से मुलाकात की और अपनी बातें रखी. इस पर डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि एक धर्म को साफ छोड़ देना कहीं ना कहीं पदाधिकारियों की गलती मानी जाएगी. उन्होंने बताया कि इसे लेकर उन्होंने कार्मिक विभाग के अधिकारियों से बात की तो विभाग ने अल्पसंख्यक विभाग पर ठिकड़ा फोड़ दिया. बता दें कि जातीय गणना के लिए सभी जाति का कोड संख्या बनाया गया है वहीं, इसमें थर्ड जेंडर को भी जाति बताया गया है, जो अब यह मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है.
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