CM Nitish Kumar on Caste Census: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही जाति आधारित गणना को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर किए जाने पर बुधवार को आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जब मुझे जनहित याचिका के बारे में पता चला तो मुझे आश्चर्य हुआ. किसी को सर्वेक्षण से कोई समस्या क्यों होनी चाहिए. यह समाज के सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. नीतीश ने कहा कि कुछ अधिवक्ताओं द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर इस महीने के अंत में सुनवाई होनी है.
'पूरे देश में गणना कराना चाहते थे'
नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत मधुबनी पहुंचे. वहां आधारित गणना को लेकर जनहित याचिका दायर होने के सवाल पर कई कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि याचिका कोई दाखिल करे इसका कोई मतलब नहीं है. केंद्र के स्तर पर भी वर्ष 2011 के बाद जाति आधारित गणना हुई लेकिन वह ठीक से नहीं हुई. हम तो चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो, लेकिन केंद्र इसके लिए तैयार नहीं हुआ और कहा कि राज्य अपने स्तर पर करवा ले. आगे कहा कि जाति आधारित गणना से सबकी आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा. हर चीज की जानकारी ले रहे हैं. सर्वेक्षण करवा रहे हैं. इससे यह भी पता चलेगा कि राज्य के बाहर कितने लोग रह रहे हैं, क्या काम कर रहे हैं.
कोरोना के वक्त लाखों लोग यहां पहुंचे थे
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान 20 से 25 लाख लोग राज्य आए. अब ये बात समझ के परे है कि कोई जनहित याचिका क्यों दाखिल कर रहा है. यह काम सबके हित में है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की गिनती के साथ ही हर परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जा रहा है. चाहे वे कोई भी जाति के हों या फिर किसी भी धर्म के हों सब के परिवार की आर्थिक स्थिति का पता लगवा रहे हैं. आगे नीतीश बोले कि केंद्र के स्तर पर ये काम पहले भी हुआ था लेकिन ठीक से कवायद पूरी नहीं हो पाई. केंद्र यह काम पूरे देश में करवा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में कुछ हद तक गणना की गई, लेकिन बिहार सरकार बहुत ही बढ़िया ढंग से यह काम करवा रही है. यहां पर केवल लोगों की गिनती नहीं होगी बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा.
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