पटना: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से जुड़े नौकरी के बदले जमीन मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को बताया कि महीप कपूर, मनोज पांडे और पीएल बनकर के संबंध में आवश्यक मंजूरी सक्षम अधिकारियों से प्राप्त कर ली गई है. न्यायाधीश ने दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लिया और आरोप पत्र पर संज्ञान लेना है या नहीं, यह तय करने के लिए मामले को कल के लिए सूचीबद्ध कर दिया.


मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है 


सीबीआई ने 12 सितंबर को अदालत को सूचित किया था कि उसे प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है और उसने तीनों के संबंध में मंजूरी लेने को लेकर समय मांगा था. एजेंसी ने कथित घोटाले के सिलसिले में तीन जुलाई को राष्ट्रीय जनता दल के 75 वर्षीय प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. लालू प्रसाद यादव इस मामले के साथ-साथ चारा घोटाला मामले में भी जमानत पर हैं.


लालू परिवार पर नौकरी के बदले जमीन लेने के हैं आरोप


इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर किया गया दूसरा आरोप पत्र था, लेकिन पहली बार तेजस्वी यादव को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था. लालू यादव के परिवार के तीन सदस्यों के अलावा, संघीय एजेंसी ने आरोप पत्र में 14 व्यक्तियों और संस्थाओं को भी नामजद किया है. अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री (2004-2009) रहने के दौरान रेलवे के पश्चिम जोन में समूह-चार के पदों पर नियुक्ति से संबंधित है और आरोप है कि नौकरी के बदले आरजेडी प्रमुख के परिवार के सदस्यों या सहयोगियों के नाम पर जमीन ली गई थी.


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