NEET Paper Leak Case: नीट एग्जाम पेपर लीक मामले में मचे बवाल के बाद अब शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर रविवार (23 जून) को सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. आईपीसी की धारा 420 धोखाधड़ी और 120 बी यानी साजिश करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच भी शुरू कर दी गई है. इस मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम बिहार भी आएगी. 


परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज


सीबीआई ने नीट-2024 परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित मामले में केस दर्ज किया है. सीबीआई ने शिक्षा मंत्रालय के निदेशक की एक लिखित शिकायत के आधार पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया है. एफआईआर में आरोपों में कहा गया है कि एनईईटी (यूजी) 2024 परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 5 मई 2024 को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई. जिसमें विदेश के 14 शहर भी शामिल थे. 23 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे


शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि NEET (UG) 2024 परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में कुछ अलग-अलग घटनाएं हुईं. इसलिए शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से उम्मीदवारों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, अमानत में ख्यानात और सबूतों को नष्ट करने सहित कथित अनियमितताओं की पूरी साजिश की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है. मंत्रालय ने परीक्षा के करवाने वाले से जुड़े पब्लिक सर्वेंट की भूमिका की जांच करने के लिए कहा है और साथ ही घटनाओं के पूरे पहलू और बड़ी साजिश की भी जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध किया है.


बिहार पुलिस और ओईयू से संपर्क साधेगी सीबीआई


सीबीआई ने एक आपराधिक मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की है. मामले की जांच के लिए सीबीआई द्वारा विशेष टीमों का गठन किया गया है.विशेष सीबीआई टीमें पटना और गोधरा भेजी जा रही हैं. जहां स्थानीय पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं. सीबीआई इस मामले में बिहार पुलिस और ओईयू से संपर्क साधेगी, उसके बाद जब जरूरत पड़ेगी तो उनके केस को टेकओवर भी कर सकती है. बिहार पुलिस ने इस मामले में पहले 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. उसके बाद 6 अन्य लोगों को झारखंड के देवघर से पकड़ा गया था. जिनका रविवार को पटना में मेडिकल टेस्ट भी काराया गया. बिहार में पेपेर लीक मामले से जुड़े कई तथ्य निकलकर सामने आएं हैं, जिसके बाद छात्र और विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी.


परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार के लिए बनी कमेटी


इस बीच NTA की मंशा पर भी कई सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद पटना से ओईयू के डीआईजी को दिल्ली तलब किया गया था. ईओयू ने अपनी जांच की पूरी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी थी. इसके बाद आगे की जांच हुई और अब मामला सीबीआई के हाथों में सौंप दिया गया. इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा की प्रक्रियाओं में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA के स्ट्रक्चर में सुधार के लिए ईसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक कमिटी भी बनाई है, जो इन तमाम चिजों पर नजर रखेगी. 


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