पटना: चुनावी सरगर्मी के बीच चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के जमानत का मुद्दा उठ रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कई बार यह कह चुके हैं कि 9 तारीख को लालू यादव की रिहाई होगी, 10 तरीख को सीएम नीतीश की विदाई होगी. हालांकि, लालू यादव के जमानत की राह आसान नहीं है. एक तरफ जहां आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद जेल से निकलने के लिए हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. वहीं, सीबीआई उनकी रिहाई पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकती है.


दरअसल, लालू प्रसाद को झारखंड हाई कोर्ट से चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत मिल चुकी है. चाईबासा मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई का कहना था कि लालू प्रसाद ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में एक दिन भी जेल में नहीं बिताया है. इसके पीछे सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला दिया था.


इसके तहत अगर किसी को एक तरह के मामले में कई बार सजा मिलती है तो पहली सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा चलने का प्रावधान है. इसके लिए लालू प्रसाद को निचली अदालत में एक साथ सजा चलाने के लिए कोर्ट से आग्रह करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. इसी आधार पर सीबीआई ने लालू की जमानत का विरोध किया था. हालांकि हाई कोर्ट में सीबीआई की दलील को दरकिनार करते हुए जमानत दे दी थी.


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