पटनाः कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने एससी-एसटी के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद एक तरफ जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झटका लगा तो दूसरी ओर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी बयान जारी कर बीजेपी पर निशाना साधा है. क्योंकि बिहार विधानसभा से दो बार जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है और लालू यादव भी काफी समय से इसकी मांग करते आए हैं.


गुरुवार को तेजस्वी ने कहा कि बिहार के दोनों सदनों में बीजेपी जातीय जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्य मंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान करवाती है. यहां उनका इशारा नित्यानंद राय की तरफ था. तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी को पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफरत क्यों है? इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भी सवाल उठाया. कहा कि मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या उन पिछड़े वर्गों के 70-80 करोड़ लोग हिंदू नहीं है?


बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए तेजस्वी ने कहा, “जनगणना में जानवरों की गिनती होती है जिसमें कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है. यहां तक कि कौन किस धर्म का है, उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित, उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है? गणना के लिए जनगणना किए जाने वाले फॉर्म में बस एक कॉलम जोड़ना है. उसके लिए कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं होना है.”


“जब तक पिछड़े वर्गों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं होगी तो उनके कल्यानार्थ योजनाएं कैसे बनेंगी? उनकी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी?  उनकी संख्या के अनुपात में बजट कैसे आवंटित होगा? वो कौन लोग हैं जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में से सबको बराबर का हिस्सा मिले?”


जातीय जनगणना के लिए जारी रहेगी लड़ाई


केंद्र की ओर से लिए गए इस निर्णय पर तेजस्वी ने कहा कि जातीय जनगणना के आरजेडी ने लंबी लड़ाई लड़ी है और हम लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि यह देश के बहुसंख्यक यानि लगभग 65 फीसद से अधिक वंचित, उपेक्षित, उपहासित और प्रताड़ित वर्गों के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है. 


ओडिशा की सरकारों ने आग्रह किया था लेकिन संभव नहीं


बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संविधान के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा में जनसंख्या के अनुपात में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं. महाराष्ट्र और ओडिशा की सरकारों ने आगामी जनगणना में जातीय विवरण एकत्रित करने का अनुरोध किया है. भारत सरकार ने नीतिगत मामले के रूप में फैसला किया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं होगी.


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