दरभंगा: बिहार के दरभंगा में प्रस्तावित एम्स निर्माण पर फिर एक बार ग्रहण लग गया है. नीतीश सरकार (Nitish Government) द्वारा दी गई शोभन बाईपास वाली 150 एकड़ जमीन को केंद्र ने रिजेक्ट कर दिया है. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने 26 मई 2023 को पत्र जारी करते हुए बिहार सरकार को इसकी जानकारी दे दी है. रविवार (11 जून) को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने दरभंगा में आयोजित व्यापारी सम्मेलन में इसको लेकर नीतीश सरकार पर ही हमला बोला.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि दरभंगा में एम्स का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाए. उन्होंने कहा कि दरभंगा में अगर एम्स का निर्माण नहीं हुआ तो इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा. आपने उत्तर बिहार और मिथिला के लाखों लोगों को इलाज कराने से वंचित कर दिया है सिर्फ इसलिए कि इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को ना मिल जाए. लोग यह न कहें कि एम्स को नरेंद्र मोदी ने बनवाया.


'जो जमीन सरकार ने दी उस पर बिल्डिंग बनाना संभव ही नहीं'


जमीन के रिजेक्ट किए जाने की वजह बताते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले कहते रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बना दिया जाए, फिर उन्होंने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में एम्स निर्माण के लिए जमीन दे रहा हूं. अब जब कहीं और जमीन दी तो केंद्र की टीम निर्माण स्थल देखने आई तो उसने कहा कि यहां बिल्डिंग बनाना संभव ही नहीं है. इसके बाद रिजेक्ट कर दिया. सुशील मोदी ने कहा कि पांच साल से ऊपर होने को चला है, लेकिन आज तक दरभंगा एम्स का निर्माण प्रारंभ नहीं हो पाया क्योंकि बिहार सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा रही.


सुशील मोदी ने कहा कि विकास के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जान बूझकर बिहार सरकार ने एम्स के लिए जमीन नहीं दी. उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में एक एम्स निर्माण का प्रावधान है, लेकिन कश्मीर के बाद बिहार को दूसरा एम्स मिला. वहीं उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि जेडीयू के 20 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि दरभंगा से एम्स को हटाकर सहरसा में बनाया जाए. जो लोग एम्स के साथ राजनीति कर रहे हैं वह लोग कान खोल कर सुन लें, लोकसभा के चुनाव में आप एक भी सीट मिथिलांचल से जीत नहीं पाएंगे.


केंद्र ने पत्र में और क्या कहा है?


जारी पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि जो जमीन एम्स के निर्माण के लिए दी गई है वह उपयुक्त नहीं है. शोभन में दी गई जमीन काफी लोलैंड है जहां मिट्टी की भराई पर खर्च और समय दोनों बाधक बनेगा. यहां एम्स का निर्माण निर्धारित समय पर कराया जाना संभव नहीं है. मिट्टी की गुणवत्ता और जलजमाव के कारण भवन की सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं की जा सकती.


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