आराः चैती छठ पर इस बार कोरोना महामारी की वजह से व्रति घाटों पर अर्घ्य नहीं दे पाएंगे. भोजपुर जिले के ऐतिहासिक मोनी बाबा सूर्य मंदिर बेलाउर में इस बार चैती छठ पर सन्नाटा रहेगा. क्योंकि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सभी धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगा दी गई है. 


भगवान भास्कर की पूजा करने देश-विदेश से आते थे श्रद्धालु

भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड के बेलाउर गांव स्थित बड़े तालाब में बनाए गए बाबा भास्कर के भव्य मंदिर में छठ करने के लिए लाखों लोग आते थे. बिहार ही नहीं बल्कि देश के कोने कोने और विदेश से भी श्रद्धालु यहां आकर भगवान भास्कर की पूजा करते थे. हर साल लाखों की संख्या में छठ व्रति यहां आते हैं. इस मंदिर की मूर्ति और मनोकामना सिक्के को लेकर श्रद्धालु भक्तों की अटूट श्रद्धा है.


बाबा भास्कर की मूर्ति के लिए कोर्ट में गया था मामला

ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में विराजमान बाबा भास्कर की मूर्ति को लेने के लिए जयपुर राजस्थान के महाराज एवं इस मंदिर के अनन्य उपासक मोनी बाबा के बीच लड़ाई ठन गई थी. दोनों लोग इस मूर्ति को अपने मंदिर में स्थापित करना चाहते थे और देखते ही देखते यह लड़ाई न्यायालय में चली गई. 


कोर्ट में कुछ दिनों तक सुनवाई होने के बाद फैसला मोनी बाबा के पक्ष में आया और मूर्ति उनको देने का कोर्ट ने आदेश दिया. मंदिर के द्वार पर लगाए गए मनोकामना सिक्के की भी अपनी अलग महत्ता है. जो भी श्रद्धालु भक्त इस सिक्के को सच्चे मन से मनोकामना लेकर जाते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है और पुनः वह यहां आकर भगवान भास्कर को देते हैं. 


इस बार मोनी बाबा सूर्य मंदिर विकास समिति की ओर से पूजा की तैयारी जोरशोर से की गई थी लेकिन अंतिम समय में राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा रोक लगा दिए जाने के कारण केवल अब भगवान भास्कर की पूजा छठ के दिन की जाएगी और बाहर के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगा. वो सभी श्रद्धालु अपने घर से भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे.


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