Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि का आज पहला दिन, पटनदेवी मंदिर में दो साल बाद दिखी हलचल, तस्वीरों से करें दर्शन
पटना के पटनदेवी मंदिर में नवरात्रि को लेकर शुक्रवार को ही पूरी तैयारी हो चुकी थी. शनिवार की सुबह पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी.
![Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि का आज पहला दिन, पटनदेवी मंदिर में दो साल बाद दिखी हलचल, तस्वीरों से करें दर्शन Chaitra Navratri 2022: first day of Chaitra Navratri crowd at Patna Patandevi temple after two years, see Patandevi Photos ann Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि का आज पहला दिन, पटनदेवी मंदिर में दो साल बाद दिखी हलचल, तस्वीरों से करें दर्शन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/02/216ef8604fb8ca2c6ffe3ac0b96aa7ef_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटनाः आज शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गया है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. पूरे प्रदेश में इसको लेकर लोगों में उत्साह है. दो साल के बाद ऐसा मौका है जब लोग फिर से मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. इधर, पटना के पटनदेवी मंदिर में नवरात्रि को लेकर शुक्रवार को ही पूरी तैयारी हो चुकी थी. देर शाम तक तैयारी होती रही. शनिवार की सुबह पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी.
आज उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
दरअसल, 2020 और 2021 में कोरोना को लेकर सभी धार्मिक स्थलों को भीड़ एकत्रित होने के कारण बंद कर दिया गया था. इसके कारण मंदिरों में पूजा करने पर प्रतिबंध लग गया था, लेकिन इस बार सरकार की तरफ से सारे नियमों को हटा दिया गया है. इसलिए लोग पहले की तरह फिर से मंदिरों में जाकर पूजा कर रहे हैं. कयास लगाया जा रहा है कि दो वर्षों के बाद पटनदेवी मंदिर में पूजा करने का मौका मिला है तो इस वर्ष ज्यादा भीड़ होगी.
सुरक्षा के किए गए हैं पुख्ता इंतजाम
इधर, सिटी एसडीओ मुकेश रंजन ने बताया कि शनिवार से मंदिर और उसके आसपास पुलिस बल की तैनाती की गई है. ज्यादा भीड़ होने के कारण मंदिर के अंदर महिला और पुरुष पुलिस बल की तैनाती की गई है. सप्तमी, अष्टमी और नवमी को विशेष पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. बाकी दिन आलमगंज थाना की पुलिस कैंप करेगी. स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा.
पटनदेवी मंदिर का जान लें इतिहास
पटनदेवी मंदिर के पुजारी गौरी शंकर गिरी के अनुसार, जब भगवान भोलेनाथ को राजा दक्ष ने अपने हवन में नहीं बुलाया था तब भगवान भोलेनाथ की अर्धांगिनी माता सती ने अपने पिता दक्ष के हवन आयोजन में जाकर हवन कुंड में अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इसके बाद भगवान भोलेनाथ माता सती का शव लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे.
उसी वक्त भगवान विष्णु ने भोलेनाथ का मोह भंग करने के लिए अपने चक्र से माता सती के शव पर प्रहार किए और 52 टुकड़े कर दिए. जो पूरे देश के कई हिस्सों में जाकर गिरा और शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध हुआ. पुजारी के बताया कि यहां पर माता का दाहिना जंघा गिरा था जिसके कारण यह मां पटनदेवी के नाम से विख्यात हुआ. इस मंदिर में माता की तीन मूर्तिया हैं. माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता काली जिसकी पूजा करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
यह भी पढ़ें-
Bihar News: एक्शन मोड में DGP SK Singhal, कई थानों का किया औचक निरीक्षण, फिर कर दी ये बड़ी कार्रवाई
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)