पटना: आठ मार्च को होली थी. बिहार समेत देश भर में लोगों ने हर्षोल्लास के साथ इस त्योहार को मनाया है. अब चैती नवरात्र और चैती छठ का लोग इंतजार कर रहे. मार्च के आखिरी सप्ताह में ही नवरात्र और छठ दोनों होंगे. 22 मार्च को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. बताया जा रहा कि इस बार माता का आगमन नाव पर हो रहा है. वहीं चैती छठ 25 मार्च से शुरू होगी. जैसे नहाय खाय से छठ पूजा शुरू होती वैसे ही ये भी चार दिनों तक चलेगी.


नाव पर मां के आगमन को शुभ माना जा रहा है. विदाई हाथी पर होगी. माता रानी के हाथी पर वापस लौटने के कारण इस साल अधिक बारिश का भी संयोग बन रहा है. नवरात्र के दौरान मां के नौ रूप की पूजा की जाती है. 22 मार्च से शुरू हो रहा नवरात्र 31 मार्च तक चलेगा. हालांकि बताया जा रहा कि इस साल नवरात्र पंचक में शुरू हो रहा, लेकिन इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. मार्च के आखिरी सप्ताह में ये त्योहार होने हैं. दोनों त्योहार को लेकर मार्केट में रौनक है. छठ साल में दो बार होता है. चैती छठ भी उसी तरह की जाती है जिसमें सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है. वहीं नवरात्र भी नौ दिनों का होता है. इस बीच महिलाएं और पुरुष उपवास भी रखते हैं. नवरात्रि की तरह ही घरों में कलश स्थापित किया जाता है और मां के मौ रूप की पूजा की जाती है.


जानें किस दिन मां के कौन से रूप की होगी पूजा


22 मार्च- शैलपुत्री
23 मार्च- ब्रह्मचारिणी
24 मार्च- चंद्रघंटा
25 मार्च- कुष्मांडा
26 मार्च- स्कंदमाता
27 मार्च- कात्यायनी
28 मार्च- कालरात्रि
29 मार्च- महागौरी
30 मार्च- सिद्धिदात्री
31 मार्च- विदाई
 
छठ पूजा की तिथि


25 मार्च- नहाय खाय
26 मार्च- खरना
27 मार्च- अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
28 मार्च- उगते सूर्य को अर्घ्य और पारण