शहाबुद्दीन को जेल पहुंचाने वाले चंदा बाबू का निधन, 16 तारीख पूरे परिवार के लिए साबित हुई खतरनाक
चंदा बाबू पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और डॉक्टरों के सलाह पर वे बाहर से इलाज कराकर हाल ही में लौटे थे. इसी क्रम में आज तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें सिवान सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के क्रम में उनका निधन हो गया है.
सिवान: बिहार के बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में अपने 2 बेटों को खोने वाले सिवान के चर्चित व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का बुधवार ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया है. मिलीं जानकारी अनुसार चंदा बाबू पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और डॉक्टरों के सलाह पर वे बाहर से इलाज कराकर हाल ही में लौटे थे.
इसी क्रम में आज तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें सिवान सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के क्रम में उनका निधन हो गया है. बता दें कि सिवान का बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड मामले में चंद्रकेश्वर प्रसाद ने अपने दो बेटों को खोया था. वहीं, इस हत्याकांड के एकमात्र गवाह और उनके बड़े बेटे की भी हत्या कर दी गई थी. ऐसे में तेजाब हत्याकांड के मुख्य गवाह चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ही थे. लेकिन अब उनका भी निधन हो गया.
बता दें कि 16 अगस्त 2004 को चंद्रकेश्वर प्रसाद दोनों छोटे बेटे गिरीश और सतीश की तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद फिर 16 जून 2014 को उनके बड़े बेटे और दोनों भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. अब बुधवार यानी 16 दिसंबर 2020 के चंदा बाबू की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मालूम हो कि इसी मामलें में सिवान के पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं.