पटना: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) में इन दिनों पीत पत्र (Yellow Paper)से आदेश देने की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है. पहले शिक्षा मंत्री की ओर से शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ.कृष्णा नंद यादव ने शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पीत पत्र भेजा था. इस पर शिक्षा विभाग के निदेशक ने आप्त सचिव को पीत पत्र का जवाब दिया और उन्हें विभाग में जाने पर ही रोक लगा दी. आमतौर पर लोग विभागीय पत्राचार और आवेदन को समझते हैं, लेकिन पीत पत्र कई लोग नहीं जानते हैं. आइए जानते हैं कि पीत पत्र क्या होता है? इसे कौन और किसे भेजा सकता है.


पहले पीत पत्र पीले रंग का कागज होता था


जानकार बताते हैं कि पीत पत्र बिहार सरकार के विभाग में ही उपयोग होता है. इस पत्र को विभाग में ही आदेश पारित करने या तत्कालिक सूचना देने के लिए उपयोग किया जाता है. इसमें वरीय अधिकारी अपने जूनियर अधिकारी या विभाग संबंधी जानकारी देने के लिए पीत पत्र के माध्यम से आदेश या सूचना देते हैं. पहले पीत पत्र पीले रंग का कागज होता था. इसके ऊपर बिहार सरकार लिखा हुआ रहता था, लेकिन पिछले कई सालों से पीले रंग का पीत पत्र को समाप्त कर दिया गया है.


अपने ही विभाग के लिए इस पत्र का उपयोग किया जाता है


अब सफेद कागज पर ही ऊपर में बिहार सरकार लिख दिया जाता है. इस तरह इस पत्र का उपयोग पीत पत्र के बदले विभागीय कार्य में किया जाता है. इस पत्र को किसी दूसरे विभाग या किसी दूसरे विभाग के अधिकारी या मंत्री को नहीं दिया जाता है. सिर्फ अपने ही विभाग के लिए इस पत्र का उपयोग किया जाता है.


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