सुपौल: सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर (Chandrashekhar) और अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के बीच जारी खींचतान के बीच राज्य सरकार ने मंत्रियों के निजी सचिव के अधिकार सीमित कर दिए हैं. बिहार सरकार (Bihar Government) ने प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से चुने गए अधिकारियों के अलावा राज्य में मंत्रियों के निजी सचिवों के रूप में काम कर रहे लोगों को सलाह दी है कि वे संबंधित विभागों के कामकाज में हस्तक्षेप ना करें. बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा शुक्रवार (26 अगस्त) को पत्र जारी किए जाने के बाद शनिवार (26 अगस्त) को शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
'नोटिफिकेशन के बाद बहुत हद तक सब स्पष्ट'
शनिवार को सुपौल शहर के व्यापार संघ भवन में आयोजित जन चेतना कार्यक्रम में चंद्रशेखर शामिल होने पहुंचे थे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन बेहतर और स्पष्ट है. पूर्व में सरकारी और निजी सचिवों के कार्य का दायरा स्पष्ट नहीं था, जो इस नोटिफिकेशन के बाद बहुत हद तक सब स्पष्ट हो चुका है. वहीं केके पाठक के विवाद के सवालों पर उन्होंने कहा कि लोग समझने के लिए कुछ भी समझ सकते हैं, लेकिन सरकार ने दोनों सचिवों का कार्य परिभाषित किया है. इसमें विवाद वाली कोई बात नहीं है.
बता दें कि शहर के व्यापार संघ भवन में शनिवार को आरजेडी के पूर्व जिला अध्यक्ष विजय कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित जन चेतना कार्यक्रम में शामिल हुए शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संप्रदायवाद और नफरतवाद किसी भी देश के लिए ठीक नहीं है.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि देश में अगर धार्मिक उन्माद पैदा किया जाता है तो इससे नुकसान भी देश को ही होगा. राष्ट्रीय जनता दल समाजवाद का पक्षधर रहा है और डॉ. राम मनोहर लोहिया और डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के आयोजन किए जा रहे हैं.
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