Chandrashekhar Controversy: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने बयान पर अड़े हैं. कई नेता माफी मांगने के लिए कह रहे हैं तो कुछ सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से इन्हें संगठन से निकालने की मांग कर रहे हैं. इस बीच चंद्रशेखर लगातार अपने बयान पर अडिग हैं और वो ट्विटर पर लगातार सफाई भी दे रहे हैं. गुरुवार को उन्होंने अपनी मायावती (Mayawati) और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को ढाल बनाते हुए ट्वीट किया.


दरअसल, गुरुवार को शिक्षा मंत्री ने कई ट्वीट किए. एक ट्वीट में उन्होंने मायावती को टैग करते हुए अपनी बात कही तो वहीं दूसरे एक ट्वीट में अखिलेश यादव को टैग किया. लिखा- "बहन मायावती जी पर आरएसएस-भाजपा के एक जातिवादी नेता ने ऐसा बयान दिया जो एक महिला के लिए सबसे गंदी गाली होगी. वैसे नेता पर कार्रवाई करने के नाम पर बीजेपी ने केवल दिखावा किया. क्यों? क्योंकि मायावती जी दलित समाज की योद्धा महिला हैं! एक दलित महिला शीर्ष पर कैसे गई इससे BJP को दर्द है."






'गंगाजल से किन लोगों ने धोया?'


दूसरे ट्वीट में चंद्रशेखर ने अखिलेश को टैग कर लिखा- "एक पूर्व सीएम श्री अखिलेश यादव जी के आवास खाली पर उसे गंगाजल से किन लोगों ने धोया था और क्यों? क्योंकि अखिलेश बाबू पिछड़े समाज से हैं! आवास धुलवाने वाले लोग ही भगवान राम को अपनी घटिया राजनीति हेतु गलत श्लोक-चौपाई लाकर जातीय भेदभाव फैलाते आए हैं दशकों सालों से!"






जान लें क्या था चंद्रशेखर का बयान


प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बयान दिया कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है. यह उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है. चंद्रशेखर ने दावा किया कि बाबा साहब आंबेडकर भी मनुस्मृति के खिलाफ थे. मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस ने नफरत के इस दौर को आगे बढ़ाया.


यह भी पढ़ें- Bihar Politics: बिहार में 'खेल' की तैयारी? लालू-नीतीश पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा आरोप, मकर संक्रांति का भोज कैंसिल