छपरा: बाढ़ की विभीषिका झेल रहे जिले के तरैया प्रखंड के पचरौड़ में बाढ़ का रौद्ररूप देखने को मिला, जहां बाढ़ के तेज धार की वजह से दो मंजिला मकान एकाएक ध्वस्त हो गया. गनीमत यह थी कि मकान में या उसके अगल-बगल कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. क्षतिग्रस्त मकान पचरौड़ गांव निवासी बिंदेश्वरी सिंह का बताया जा रहा है.


बता दें कि मकान के नीचे कपड़े की दुकान थी और ऊपर के कमरों में लोग रहते थे. लेकिन मकान में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने की वजह से दुकानदार और मकान मालिक घर खाली कर ऊंचे स्थान पर चले गए थे. मिली जानकारी अनुसार 2017 के बाढ़ में भी यह मकान क्षतिग्रस्त हो गया था.


बाढ़ की वजह से मकान के क्षतिग्रस्त हो जाने पर मकान मालिक ने मुआवजे के लिए तरैया अंचल अधिकारी को आवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने की वजह से मकान मालिक ने अपने पैसे से घर की मरम्मत कराई थी. लेकिन इस बार मकान पूरी तरह ध्वस्त गया.


इस संबंध में मकान मालिक ने बताया कि वर्ष 2008 में लाखों रुपये खर्च कर मकान का निर्माण कराया था, जिसे बाढ़ के पानी ने एक ही झटके में तबाह कर दिया. मेरे वर्षों की कमाई पूंजी पल भर में खत्म हो गई. ऐसे में पीड़ित मकान मालिक ने स्थानीय प्रशासन से जांच कर उचित मुआवजे की मांग की है.