Chhath 2024: छठ पर्व की तैयारियों के लिए नीतीश सरकार ने खोला खजाना, घाटों पर दुरुस्त होगी व्यवस्था
Bihar News: नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने छठ को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की है. अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं. पढ़िए उन्होंने क्या कुछ कहा है.
Bihar News: नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार (25 अक्टूबर) को अधिकारियों के साथ बैठक कर छठ घाटों को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी ली. छठ व्रतियों को पूजा के दौरान कोई असुविधा ना हो इसके लिए प्रदेश भर के नगर निकायों को विभाग की ओर से 25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई. इस राशि की मदद से सभी घाटों पर बैरिकेडिंग, शौचालय, चेंजिंग रूम, स्ट्रीट लाइट, वॉच टॉवर समेत छठ व्रतियों के लिए अन्य सुविधाओं वाले काम किए जाएंगे.
नितिन नवीन ने कहा कि छठ हम बिहारियों के लिए स्वाभिमान है. व्रतियों को असुविधा ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए 25 करोड़ की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष छठ पूजा को लेकर पटना समेत सभी नगर निकाय को राशि आवंटित की गई है. पटना नगर निगम को 12 करोड़ और अन्य 18 नगर निगम को कुल एक करोड़ 80 लाख की राशि की स्वीकृति दी गई है.
पटना में विधि व्यवस्था के लिए दिए गए तीन करोड़
इसके अलावा हर नगर परिषद को 4 लाख, हर नगर पंचायत को तीन लाख की राशि की दी गई है. वहीं, औरंगाबाद की देव नगर पंचायत को छठ पूजा के लिए 10 लाख की राशि स्वीकृत की गई है. इसके साथ ही पटना डीएम को विधि व्यवस्था और जन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तीन करोड़ की राशि आवंटित की गई है.
नितिन नवीन ने कहा कि दीपावली के बाद नदी और तालाब के आस-पास घरों से निकलने वाली मूर्ति एवं पूजन सामग्री के विसर्जन की खास व्यवस्था (विसर्जन के लिए एक अलग स्थान का निर्धारण) करने का निर्देश दिया गया है ताकि गंदगी फैलने से रोका जा सके. मौके पर विभाग के सचिव अभय सिंह ने छठ पूजा की तैयारियों को लेकर कहा कि सभी अधिकारियों और पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि पूजा में सम्मिलित होने वाले व्रतियों एवं नागरिकों को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखें. पर्व को सफल एवं सुरक्षित बनाने के लिए अस्थायी वैकल्पिक घाट का निर्माण किया जाए. गंगा टाउन वाले नगर निकायों को इस कार्य पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा गया है.
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि दीपावली के समय सभी घरों एवं प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने की परंपरा है. इसी क्रम में सभी निकाय को "नेकी की दीवार' कार्यक्रम का आयोजन करने को कहा गया है और उसे व्यापक रूप से प्रचार करने का भी निर्देश दिया गया है. इसके लिए घरों एवं प्रतिष्ठानों से अपशिष्ट (यथा पुराने कपड़े, किताबें, जूता-चप्पल, खिलौने आदि) को प्रतिदिन अलग से संग्रह करने और इसे रखने के लिए कम से कम दो सेंटर बनाने (पूरे वर्ष कार्यरत रहे) के लिए निकाय के किसी जिम्मेदार व्यक्ति को देखरेख के लिए निर्देश दिया गया है.
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