(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chaiti Chhath 2022: बिहार के इस गांव में छठ व्रत की हुई थी शुरुआत, सूर्य की आराधना से श्रापमुक्त हुए थे राजा शाम्ब
Chaiti Chhath 2022: बिहारशरीफ से 10 किमी की दूरी पर स्थित बड़गांव में द्वापर कालीन ऐतिहासिक सूर्य मंदिर भी है. मान्यता है कि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की परंपरा की बड़गांव से ही शुरुआत हुई.
Chaiti Chhath 2022: आगामी पांच अप्रैल से शुरू होने वाले चार दिवसीय छठ पूजा को लेकर राजगीर एसडीओ अनिता कुमारी ने सोमवार को प्राथमिक विद्यालय बड़गांव में स्थानीय लोगों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान बताया गया कि पिछले दो सालों से कोरोना काल के कारण राजकीय मेला का आयोजन नहीं किया गया था. मगर इस बार कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है, जिस कारण इस बार चार दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा.
स्थानीय लोगों ने की ये मांग
इस मेले में पेयजल, स्वास्थ्य जांच व बिजली की समुचित व्यवस्था कराई जाएगी. इस दौरान स्थानीय लोगों ने एसडीओ से मांग की, कि यहां पर स्थायी शौचालय का निर्माण कराया जाए, ताकि छठ पर्व को लेकर कोने-कोने से आने वाले पर्यटकों को परेशानी ना हो. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम ने शौचालय बनाने पर विचार करने की बात कही.
जानें बड़गांव का महत्व
बताते चलें कि जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से 10 किमी की दूरी पर स्थित बड़गांव में द्वापर कालीन ऐतिहासिक सूर्य मंदिर भी है. मान्यता है कि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की परंपरा की बड़गांव से ही शुरुआत हुई, भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र राजा शाम्ब को इसी सूर्यनगरी में पूजा करने पर कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी. कहा यह भी जाता है कि महाभारत काल में पांडवों के साथ युद्ध के लिए राजगीर आए भगवान श्रीकृष्ण ने भी बड़गांव पहुंचकर भगवान भास्कर की आराधना की थी. इसी को लेकर छठ पर्व के मौके पर बड़गांव में देश के हर कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं.
बताते चलें कि बड़गांव में पांच अप्रैल से छठ पर्व पर आयोजित मेले की शुरुआत होगी, जिसमें देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचकर चार दिनों तक प्रवास कर छठ व्रत करेंगे. ऐसे में यहां पर किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रह जाए इसी को लेकर बैठक की गई. बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार, राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार, सिलाव के सीओ, बीडीओ सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
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