Chhath Puja 2021: छठ आते ही गूंजने लगते हैं शारदा सिन्हा के गीत, ‘बिहार कोकिला’ के गानों के बिना यह पर्व अधूरा
1अक्टूबर 1952 को जन्मीं शारदा सिन्हा को 'बिहार-कोकिला', 'पद्म श्री' और 'पद्म भूषण' सम्मान से विभूषित किया जा चुका है. शारदा सिन्हा ने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी और हिंदी में गीत गाए हैं.
पटनाः छठ पूजा (Chhath Puja) का महत्व काफी ज्यादा है. यह व्रत सूर्य भगवान, उषा, प्रकृति, जल, वायु आदि को समर्पित है. खासकर इसे बिहार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. एक तरफ जितनी श्रद्धा से लोग इस त्योहार को मनाते हैं उतने ही प्यार से इसके गीत को भी सुनते हैं. हर साल नए गीत आते हैं लेकिन आज भी लोग छठ गीत के लिए शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) को ही जानते हैं. शारदा सिन्हा का नाम आते ही मन में सीधे छठ के गीतों की धुन बजने लगती है. या ऐसे समझ लें कि इनके गीतों के बिना यह पर्व अधूरा सा होता है.
बिहार कोकिला, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित
सबसे पहले जान लें कि आखिर कौन है शारदा सिन्हा. ये बिहार की लोकप्रिय गायिका हैं. एक अक्टूबर 1952 को जन्मीं शारदा सिन्हा को बिहार-कोकिला, पद्म श्री और पद्म भूषण सम्मान से विभूषित किया जा चुका है. शारदा सिन्हा ने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावे हिंदी गीत गाए हैं. उनके पति ब्रजकिशोर सिन्हा शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इतना ही नहीं बल्कि शारदा सिन्हा ने हिंदी फिल्मों में भी गाने गाए हैं. मैंने प्यार किया और हम आपके हैं कौन में इनके गाने को लोगों ने खूब पसंद किया था.
शारदा सिन्हा के हर साल बजने वाले छठ गीत
- केलवा के पात पर
- हो दीनानाथ
- ऊगिहें सूरज गोसाइयां है
- हे छठी मैया
- हे गंगा मैया
- छठी मैया आई ना दुआरी
कब से कब तक है छठ पूजा
छठ पूजा की शुरुआत नहाए खाए से होती है. इस बार यह दिन 8 नवंबर 2021 को है. छठ पूजा का दूसरा दिन यानी खरना 9 नवंबर को है. इस दिन छठ व्रति निर्जला रहकर व्रत करते हैं और रात में प्रसाद के तौर पर खीर खाते हैं. वहीं छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य है. इस बार संध्या अर्घ्य 10 नवंबर को है. 11 नवंबर की सुबह 8.25 बजे यह त्योहार समाप्त हो जाएगा.
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