Chhath Puja 2021: बिहार का महापर्व छठ कल सोमवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा. छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक बेहद खास त्योहार है. इस साल छठ पूजा का त्योहार 8 नवंबर 2021 से शुरू हो रहा है. 36 घंटे का यह व्रत निर्जला होता है. नहाय खाय (Nahay Khay) के अगले दिन खरना होता है जिसका काफी महत्व माना जाता है. नीचे देखें नहाय खाय, खरना और अर्घ्य की तिथि साथ ही सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी देखें.


8 नवंबर को नहाय खाय- यह छठ पूजा का पहला दिन होता है, इस दिन नहाय खाय होता है. इस वर्ष नहाय-खाय 8 नवंबर (सोमवार) को है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 02 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.


9 नवंबर को खरना- खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.


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10 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य- इस दिन ही छठ पूजा होती है. इस दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सूर्यादय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.


11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य- छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है. इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 04 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.


(नोटः सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पटना के अनुसार है)


छठ महापर्व का महत्व


पौराणिक कथाओं के मुताबिक छठी मैया को ब्रह्मा की मानसपुत्री और भगवान सूर्य की बहन माना गया है. छठी मैया निसंतानों को संतान प्रदान करती हैं. इसके अलावा संतानों की लंबी आयु के लिए महिलाएं यह पूजा करती हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तरा को यह व्रत रखने और पूजा करने की सलाह दी थी. दरअसल महाभारत के युद्ध के बाद अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे का वध कर दिया गया. तब उसे बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तरा को षष्ठी व्रत (छठ पूजा) का रखने के लिए कहा.



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