पटना: चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत शुक्रवार 28 अक्टूबर से होगी. 28 अक्टूबर को नहाए खाए (Nahay Khay Date 2022) है. 29 अक्टूबर को खरना (Kharna Puja Date 2022), 30 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और 31 अक्टूबर की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ समाप्त हो जाएगा. इधर, पटना जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को खतरनाक घाटों की लिस्ट भी जारी की गई है.
छठ व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए पटना में जिला प्रशासन ने 105 घाटों को चिह्नित किया था. आज बुधवार को जिला प्रशासन ने 105 घाटों में 16 घाट को खतरनाक घोषित किया है. इन घाटों पर जिला प्रशासन द्वारा छठ व्रतियों या किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई है. आज ही सीएम नीतीश कुमार ने घाटों का जायजा भी लिया है. नीचे देखें खतरनाक घाटों की लिस्ट.
16 खतरनाक घाटों की सूची
- नारियल घाट
- जेपी सेतु पूर्वी घाट
- बांस घाट
- कलेक्ट्रेट घाट
- महेंद्रु घाट
- टीएन बनर्जी घाट
- अंटा घाट
- अदालत घाट
- मिश्री घाट
- टेढ़ी घाट
- गड़ेरिया घाट
- नूरुदुदिन घाट
- भरहरवा घाट
- महाराजा घाट
- कांटाही घाट
- गुरु गोविंद सिंह कॉलेज घाट/किला घाट
गंगा का जलस्तर अभी भी ज्यादा
बता दें कि गंगा नदी का जलस्तर कुछ दिन पहले काफी ज्यादा था लेकिन पिछले एक सप्ताह से औसतन प्रतिदिन आठ इंच पानी घट रहा है. अगले चार दिन में ढाई से तीन फीट पानी घटने की संभावना है. पिछले वर्ष छठ पर्व के दिन 10 नवंबर 2021 को जलस्तर 45.45 मीटर था. इस वर्ष छठ पर्व के दिन यह 46.0 मीटर से ज्यादा रहने का अनुमान है.
घर पर छठ करने वालों को टैंकर से मिलेगा गंगाजल
छठ में किसी तरह श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसको लेकर पटना प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि, पटना जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह, पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों लगातार तीन दिनों से सभी घाटों पर पैदल भ्रमण कर निरीक्षण कर रहे हैं. पटना डीएम ने कहा है कि जो भी श्रद्धालु छठ घाट पर ना आकर अपने घर पर छठ करते हैं उनके लिए जिला प्रशासन की ओर से टैंकर में भरकर गंगाजल पहुंचाया जाएगा. गंगा घाट के अलावा पटना के कई तालाबों पर भी साफ सफाई, लाइटिंग और सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी.
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