भागलपुर: नहाय खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ शुरू हो गया है. प्रकृति और संस्कृति से जुड़े पर्व में भागलपुर के मुसहरी घाट पर शुक्रवार को गंगा जमुनी तहजीब का रंग देखने को मिला. यहां न तो कोई मुस्लिम है और ना ही कोई हिंदू, हर कोई मिलकर बस छठ पूजा में लगा है. इस घाट पर वर्षों से मुस्लिम समुदाय के लोग छठ व्रतियों की सुविधा के लिए साफ सफाई करते आ रहे हैं. शुक्रवार को भी ये नजारा दिखा. मुस्लिम समुदाय के लोग झाड़ू लगाते दिखे.


छठ पर्व में धर्म मजहब से ऊपर उठकर मुस्लिम समुदाय के लोग नि:स्वार्थ भाव से हर साल बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. चाहे घाटों की सफाई हो या फिर कोई और काम, पूरी श्रद्धा के साथ जुटे रहते हैं. छठ व्रती घाट के किनारे पहुंचें तो उन्हें कोई परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखते हैं. घाट की सफाई के साथ साथ आसपास वाले रास्ते को भी पूरी तरह से स्वच्छ बनाते हैं. साफ सफाई के माध्यम से हर बार की तरह इस बार भी सामाजिक एकता और आपसी भाईचारा का संदेश दिया है.



आस्था व श्रद्धा के पर्व में भेदभाव नहीं


बता दें कि भागलपुर के मुसहरी घाट पर गुरुवार की रात मां काली की प्रतिमा का विसर्जन किया गया था जिससे पूरा घाट गंदा हो गया था. इसको लेकर सफाई करने पहुंचे मोहम्मद उमर चांद और मोहम्मद अब्दुल ने कुछ एक ही तरह की बात कही. कहा कि आस्था व श्रद्धा के इस पर्व में धर्म को लेकर भेदभाव नहीं करना चाहिए.



कहा कि हिंदू भाई भी मुस्लिम के पर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं, इसलिए हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व छठ है. इसमें हम लोगों को भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि यह बहुत सौभाग्य की बात है कि हमलोग आस्था के पर्व छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों की सफाई कर रहे हैं. साथ ही रास्तों की सफाई करने के लिए हम लोग वर्षों से आगे आते रहे हैं. हमारी गंगा जमुनी तहजीब है और हिंदुओं के इस महापर्व को भाईचारा के साथ मनाते आए हैं.


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