पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ पर व्रतियों को कोई परेशानी न हो इसके लिए अभी से ही तैयारी शुरू हो गई है. इसी कड़ी में मंगलवार (31अक्टूबर) को पटना आयुक्त कुमार रवि के साथ जिलाधिकारी चंद्रशेखर और एसपी के नेतृत्व में टीम ने दीघा घाट से कलेक्ट्रेट तक पैदल निरीक्षण किया.


इसके पहले सोमवार (30 अक्टूबर) को भी वरीय अधिकारियों एवं नगर निगम की टीम ने घाटों का निरीक्षण किया था. सोमवार को स्टीमर से दीघा घाट से गाय घाट तक निरीक्षण किया गया था. भद्र घाट और ज्यूडिशियल घाट पर अधिकारियों ने पैदल निरीक्षण किया था.



व्यवस्था को लेकर पटना जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद


चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ 17 से 20 नवंबर तक चलेगा. इसमें अभी दो सप्ताह से ज्यादा दिन बचे हुए हैं, लेकिन छठ की तैयारी शुरू हो चुकी है. छठ घाटों पर और रास्तों में सुदृढ़ व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह मुस्तैद है.


गंगा का जलस्तर कम, खतरनाक घाटों का लिया गया जायजा


पटना के आयुक्त कुमार रवि ने बताया कि हमारी टीम सभी घाटों का निरीक्षण कर रही है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार गंगा नदी का जलस्तर कम है और छठ के समय तक और ज्यादा कम होने का अनुमान है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ज्यादा से ज्यादा बेहतर घाट बनाने का प्रबंध करेगा. इसका हम लोग जायजा ले रहे हैं. सभी घाटों पर चेंजिंग रूम, पार्किंग, वॉच टावर, रोशनी, मेडिकल और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा. 


घाटों पर तैनात होगी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम


आयुक्त कुमार रवि ने बताया कि इस बार गंगा नदी में पानी कम रहेगा तो खतरनाक घाटों की संख्या कम होगी. कहा कि जहां खतरनाक घाट होंगे उस पर हम लोग विचार करेंगे. सभी घाटों पर क्षेत्रफल के हिसाब से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी.


बता दें कि पटना में दीघा घाट से लेकर दीदारगंज घाट तक लगभग 25 किलोमीटर का रेंज है और इसमें इतनी दूरी में 108 गंगा घाट हैं जहां छठ होता है. जिला प्रशासन ने अभी खतरनाक घाटों की सूची तैयार नहीं की है. 


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