पटना: चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. पहले दिन नहाय खाय होगा. 29 अक्टूबर को खरना है, जिसमें छठ व्रती पूरे दिन उपवास रखकर शाम को एक बार खीर और रोटी से खरना का प्रसाद खाएंगे. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है. ऐसे में उपवास रखने वाले छठ व्रतियों या वैसे व्रती जो बीमार हैं उन्हें एक बार डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. एबीपी न्यूज ने चिकित्सक दिवाकर तेजस्वी से बात की है. जानिए क्या कहते हैं.


सबसे पहले यह जान लें कि इस बार बिहार में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है. खासकर पटना में लगभग 5000 से ज्यादा डेंगू के एक्टिव केस पाए गए हैं. ऐसे में कई लोग इससे ग्रसित भी हुए हैं. पटना के प्रख्यात डॉ. दिवाकर तेजस्वी बताते हैं कि जो छठ व्रती पहले से मन बना चुके हैं कि इस बार यह पर्व करना है, ऐसे में अगर उन्हें डेंगू हो चुका है या फिर डेंगू होने के बाद ठीक हो गए हैं एवं कमजोरी लग रही है तो वे छठ न करें. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि छठ में निर्जला उपवास का प्रावधान है. ऐसे में सेहत और ज्यादा खराब हो सकता है.


गंभीर हो सकती है स्थिति


दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि अगर आप पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो ही छठ करें. आगे कहा कि जो छठ व्रती यह पर्व करने वाले हैं और उन्हें डायबिटीज है तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए छठ न करें. छठ करने पर खून में शुगर की कमी आ सकती है और स्थिति गंभीर होने की आशंका है.


ब्लड प्रेशर वालों को ये सलाह


दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि अगर किसी को हार्ट की बीमारी है वह लोग बिना डॉक्टर की सलाह के छठ नहीं करें क्योंकि छठ में दवा नहीं खा सकते हैं. इसके अलावा अगर किसी का ब्लड प्रेशर हाई है और बिना दवाई के कंट्रोल नहीं होता है वैसे लोग डॉक्टर की सलाह लेकर ही कुछ करें.


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