पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ में (Chhath 2022) 30 और 31 अक्टूबर को अर्घ्य देकर घाटों पर पूजा की जाएगी. पांच दिन पहले गंगा (Ganga River) के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी देखी गई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे जलस्तर घटने लगा है. जिला प्रशासन भी छठ पर्व को सुचारू रूप से करने के लिए पूरी तैयारी कर रहा. शनिवार को पटना जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह, पटना नगर आयुक्त अभिनेश पराशर और पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों सहित कई अधिकारियों ने छठ घाटों का निरीक्षण किया.


इस दौरान सभी ने पाटी पुल घाट से लेकर राजापुल घाट तक लगभग पांच किलोमीटर तक पैदल भ्रमण किया. छठ के लिए गंगा घाटों का जायजा लिया. वहीं डीएम ने जलस्तर को लेकर भी जानकारी दी. पिछले साल की तुलना इस साल का जलस्तर ज्यादा बढ़ा हुआ बताया. हालांकि पिछले साल नवंबर में छठ पूजा थी.


तैयारियों की समीक्षा करने निकले डीएम


देखा जा रहा कि अभी भी गंगा में जलस्तर ज्यादा है जिसके कारण यह आकलन करना जिला प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा कि कौन से छठ घाट को खतरनाक घोषित किया जाए. किस घाट पर प्रतिबंध लगाया जाए. सभी अधिकारियों ने शनिवार सुबह 6: 30 बजे दीघा पाटी पुल घाट से घूमना शुरू किया. इसके बाद राजापुर पुल घाट तक लगभग पांच किलोमीटर में तीन घंटा तक 13 घाटों का एक-एक कर पैदल निरीक्षण किया. इस दौरान घाट निर्माण, एप्रोच रोड, अंडरपास से पानी की निकासी, पार्किंग, सुरक्षा-व्यवस्था, भीड़-प्रबंधन, यातायात प्रबंधन सहित सभी बिन्दुओं पर उन्होंने तैयारियों एवं योजनाओं का जायजा लिया और आवश्यक निदेश दिए.




पैदल चलकर लिया पटना के घाटों का जायजा


वहीं जेपी सेतु पश्चिमी घाट, जेपी सेतु पूर्वी घाट, मीनार घाट, बिन्दोली घाट, गेट नं 93 घाट, गेट नं 92, 88 घाट, गेट नं 83 घाट, बालू पर घाट, कुर्जी घाट पाटलिपुत्र घाट, एलसीटी घाट, पहलवान घाट, बांस घाट एवं राजापुर पुल घाट पर पैदल चलकर जिलाधिकारी ने घाट की वर्तमान स्थिति तथा प्रबंधन का अवलोकन किया. संरचनाओं को देखा एवं आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान डीएम ने कहा पिछले साल की अपेक्षा गंगा में इस बार ज्यादा पानी है. इसको देखते हुए खतरनाक घाटों की सूची जल्द जारी की जाएगी.


जल-स्तर 46.00 मीटर रहने का अनुमान


डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस बार छठ पर्व 30 एवं 31 अक्टूबर को है. पिछले वर्ष छठ पर्व 10 नवंबर 2021 को था. इस दौरान जल-स्तर 45.45 मीटर था. इस वर्ष छठ पर्व के दिन जल-स्तर 46.00 मीटर रहने का अनुमान है. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा के जलस्तर में कमी एवं घाटों की भौतिक स्थिति को देखते हुए छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा तीव्र गति से सभी तैयारी की जा रही. रात्रि पाली में भी काम चल रहा. छठ पूजा से पहले सभी तैयारी पूरी कर ली जाएंगी. 


105 घाटों पर कैंप


सेक्टर पदाधिकारियों का 21 दल 105 घाटों पर कैंप कर सभी व्यवस्था सुनिश्चित कर रही. जैसे-जैसे जल-स्तर में कमी आ रही वैसे-वैसे एप्रोच पथ के निर्माण एवं घाटों पर आवश्यक व्यवस्था तथा प्रबंधन में प्रगति लाई जा रही. उन्होंने कहा कि दीघा से लेकर घाट 83 तक एप्रोच रोड सुगम है. सिर्फ घाट संख्या 93 के नजदीक अंडरपास में पानी लगा हुआ है तथा घाट पर भी अभी पानी है. जैसे-जैसे गंगा नदी का जल-स्तर कम हो रहा है वैसे-वैसे घाट से भी पानी हट रहा है. छठ घाटों की स्थिति में सुधार हो रहा.




25 या 26 अक्टूबर को प्रशासन जारी करेगा सूची


डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल-स्तर के घटने के साथ ही स्थितियां बदलेंगी. बहुत सारे घाट जो आज के समय असुरक्षित लग रहे उसके बारे में पानी के घटने पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. अभी लगभग पांच दिन का समय है. 25 या 26 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा खतरनाक घाटों की सूची जारी की जाएगी. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि आज से सभी घाटों पर सुबह में निरीक्षण करने की शुरुआत की है आगामी 23 अक्टूबर और 24 अक्टूबर को घाट का निरीक्षण कार्य जारी रहेगा. कल 23 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट घाट से रानी घाट तक तथा 24 अक्टूबर को गायघाट से दीदारगंज घाट तक पैदल स्थलीय निरीक्षण निर्धारित है.


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