Chhath Puja 2021: लोक आस्था के महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है. आज के दिन को खरना के नाम से जाना जाता है. वहीं, कल यानी तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने साथ ही यह पर्व संपन्न हो जाएगा. सूर्योपासना के इस पवित्र चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठव्रती श्रद्धालु नर-नारियों ने अंत:करण की शुद्धि के पहले दिन नहाय खाय (Nahay Khay) किया और आज खरना होगा. आज खरना और पूजा से पहले हम आपको बताएंगे कि खरना का क्या महत्व और इसकी पूजन विधि क्या है. साथ ही यह भी बताएंगे कि आज के दिन प्रसाद (Kharna Prasad) में क्या बनाया जाता है.


क्या है खरना का महत्व?


आज व्रती सूर्योदय से सूर्यास्त तक एक कठिन निर्जला व्रत करेंगे. इस व्रत में नमक और चीनी का प्रयोग वर्जित है और प्रसाद के लिए गुड़ की खीर बनती है. वही प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है. इसे खरना कहा जाता है. कार्तिक शुक्ल पंचमी को यह व्रत रखा जाता है. आज के दिन प्रसाद के रूप में रोटी और खीर ग्रहण करने की ही परंपरा है.


यह भी पढ़ें-  Chhath Puja 2021: बांका की एक ऐसी जगह जहां माता सीता ने वनवास के दौरान किया था छठ, दूसरे राज्यों से अर्घ्य देने आते हैं व्रती


खरना के दिन का प्रसाद


ऐसे तो खरना के दिन मुख्य रूप से गुड़ की खीर और रोटी ही प्रसाद में बनता है. हालांकि इसके अलावा खरना की पूजा में मूली और केला भी रखकर पूजा की जाती है. छठ व्रती प्रसाद में केला और मूली खाते भी हैं. भोग लगाने के बाद ही प्रसाद को व्रती ग्रहण करते हैं और जब तक चांद नजर आए तब तक पानी पीते हैं. इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है. लोक आस्था के इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करते हैं.


नवंबर को खरना- खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 04 मिनट पर होगा.


10 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य- इस दिन ही छठ पूजा होती है. इस दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सूर्यादय 6 बजकर 03 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.


11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य- छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है. इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 04 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 03 मिनट पर होगा.


(नोटः सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पटना के अनुसार है)




यह भी पढ़ें- Chhath Puja 2021: छठ पर महंगी हुई सब्जियां, पटना में 70 से 80 रुपये किलो बिक रहे कद्दू, आसमान छू रहा मूली और टमाटर का भाव