पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर सोमवार की तरह इस बार भी जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जनता की परेशानियों को सुना और उसके समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश जारी किया. कार्यक्रम के खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान जब पत्रकार ने मुख्यमंत्री से उनकी पार्टी जेडीयू में खेमेबाजी के संबंध में पूछा तो मुख्यमंत्री हंस पड़े. 


जेडीयू में कोई मतभेद नहीं 


मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा, " ये सब फालतू बातें हैं. जेडीयू में किस बात का शक्ति प्रदर्शन होगा. कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो उनका स्वागत किया गया. कोई केंद्रीय मंत्री बना तो उनका स्वागत किया गया. ये सभी भ्रम फैला रहे. इस तरह की बातें मैंने अखबारों में देखी, मुझे तो हंसी आती है. ऐसी कोई बात नहीं है. मतभेद जैसा कुछ भी नहीं है."


आरसीपी को मैंने बनाया अध्यक्ष


नीतीश कुमार ने कहा, " मैंने अपनी मर्ज़ी से आरसीपी सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया था. वहीं, जब वे केंद्र में मंत्री बने तो उन्होंने कहा कि अब जिम्मेदारी ललन बाबू को दे देनी चाहिए. इसलिए किसी तरह के भ्रम में मत रहिए. वहीं, जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद उस संबंध में बात कीजिये. पार्टी की बात करने की क्या जरूरत है."


पीएम मोदी ने पत्र का दिया जवाब


बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री ने उनके पत्र का जवाब दे दिया है. नीतीश कुमार ने कहा, " पत्र का जवाब 13 तारीख को मिला. उन्होंने कहा कि पत्र मिल गया है. तो जब पत्र मिल गया है तो प्रधानमंत्री जब उचित समझेंगे तो समय देंगे. जब समय देंगे तो जाएंगे. अभी फिलहाल हमलोग इंतजार करेंगे. तब तक इसपर कुछ भी बोलना ठीक नहीं है."


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