पटना: वायरल बुखार (Viral Fever) का कहर बिहार के अनुमन 10 जिलों में जारी है. गोपालगंज और मुजफ्फरपुर बीमारी का हॉटस्पॉट बना हुआ है. जबकि सारण, वैशाली, सिवान समेत राजधानी पटना में भी बुखार बच्चों को अपनी जद में ले रहा है. बच्चों के साथ ही बड़े भी बुखार से ग्रसित हो रहे हैं. लेकिन बच्चों में इसका प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है. बुखार के जद में आकर बच्चों की मौत हो रही है.


NMCH में छह बच्चों की मौत


बिहार की राजधानी पटना के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में वायरल फीवर से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. अभी तक छह बच्चों की वायरल फीवर के कारण मौत हो गई है. एनएमसीएच सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद सिंह लगातार ये दावा कर रहे हैं कि अस्पताल में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तमाम सुविधा उपलब्ध है. लेकिन जमीनी स्तर की सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है.


दवा के आभाव में हो रही मौतें 


जानकरी अनुसार अस्पताल में लगातार वायरल फीवर की वजह से बच्चों की मौत हो रही है. अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज के परिजन का कहना है कि अस्पताल में दवा नहीं मिल रही है. दवा बाहर से लाने को कहा जाता है, जो बड़ी परेशानियों के बाद मिलता है. आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है. इधर, जूनियर डॉक्टर अखिलेश सिंह ने भी इस बात को स्वीकार किया कि अस्पताल में दवा की कमी है. 


बता दें कि नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कुल 750 बेड हैं, लेकिन अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. फिलहाल, 859 मरीजों का इलाज एनएमसीएच में चल रहा है. एनएमसीएच में सुपरिटेंडेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट लगातार मरीजों का इलाज बेहतर हो इसके लिए स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और डॉक्टरों को निर्देश देते नजर आ रहे हैं. इधर, डॉक्टर भी अपनी ओर से बेहतर इलाज करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.



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