पटना: वार्ड पार्षद संजय यादव के वायरल वीडियो मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने लगातार दूसरे दिन सीएम नीतीश को घेरा है. उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी योजना पूर्ण शराबबंदी पर सवाल उठाया है. चिराग ने शेखपुरा जिले के वार्ड पार्षद संजय यादव की चर्चा करते हुए कहा है कि वायरल वीडियो में बातचीत के दौरान संजय शराब के नशे में उन्हें और उनके पिता केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे.
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में चिराग ने लिखा है कि वायरल वीडियो की समीक्षा करते हुए कई अखबारों में छपा है कि वार्ड पार्षद ने शराब का सेवन किया था. वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने भी बताया कि संजय यादव ने शराब पी रखी थी. उन्होंने लिखा है कि शराबबंदी आपकी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद यदि शराब की बिक्री हो रही है और लोग शराब का सेवन कर रहे हैं, तो यह शराबबंदी के दावों पर प्रश्न खड़े करती है.
चिराग ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि दोषियों को चिन्हित कर उचित कार्रवाई की जाए, जो शराबबंदी को विफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं. दरअसल, पिछले दिनों शेखपुरा जिले के वार्ड पार्षद संजय यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान को एके 47 से उड़ाने धमकी देते दिखाई दिए थे.
मालूम हो कि 30 जुलाई को भी चिराग पासवान ने वायरल वीडियो मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल के जरिये पत्र लिखकर बताया था कि राशन कार्ड बनाना या केन्द्र द्वारा प्राप्त राशन का वितरण लाभार्थियों तक पहुंचाना पूर्णतः राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन वायरल वीडियो से ऐसा लगता है कि संभवतः लाभर्थियों तक केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में राज्य सरकार विफल साबित हो रही है. जिसके कारण लाभर्थियों में असंतोष और आक्रोश इस हद तक बढ़ गया कि वे जान से मारने तक की धमकी तक दे रहे हैं और अपशब्द भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस पत्र में चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री से राशन वितरण और कार्ड बनाने में हो रही समस्या की जांच करवाने की मांग की थी, ताकि केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे.