Chirag Paswan: नीतीश कुमार पर भड़के चिराग पासवान, पीड़ित लड़की से मिलने के बाद कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
चिराग पासवान शनिवार को नवादा पहुंचे और यहां पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले से अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, यह बड़ी शर्म की बात है.
नवादा: जिले के कौवाकोल थाना क्षेत्र के सरौनी गांव में 17 जुलाई को रात्रि में एक घर में घुसकर लड़की के साथ की गई मारपीट का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. शनिवार को एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) नवादा पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस दौरान चिराग पासवान ने पीड़िता से घटना की पूरी जानकारी ली. चिराग पासवान ने कहा कि रात्रि में ताला तोड़कर किसी के घर में पुलिस का घुसना वास्तव में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इतना गंभीर मामले से अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, जो बड़ी ही शर्म की बात है.
इस दौरान चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में पुलिस महिलाओं पर अत्याचार कर रही है. आज से पहले किसी अपराधी को पकड़ने के लिए इतनी रात में पुलिस दरवाजा तोड़कर किसी के घर में नहीं घुसती है और बिहार के नवादा में बिना महिला कॉन्स्टेबल के किसी के घर में घुसकर पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट की गई. यह कहां का कानून है? इसका जवाब बिहार के सीएम नीतीश कुमार को देना होगा.
महिला थाना प्रभारी ने बात सुनने से पहले ही काटा फोन
जमुई सांसद ने आगे कहा कि इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित प्रदेश के सभी उच्च अधिकारियों से मिलेंगे और हर हाल में पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने का काम करेंगे. इस मामले के संबंध में चिराग पासवान ने मौके से नवादा महिला थाना प्रभारी को फोन लगाया, पर महिला थाना प्रभारी ने सांसद की बात पूरी सुनने से पहले ही फोन काट दी, जिसके बाद चिराग पासवान आगबबूला हो गए. इसके बाद उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जमकर खरी खोटी सुनाई.
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
इधर, पीड़िता ने बताया कि 17 जुलाई को दो बच्चों के बीच मारपीट हुई थी. उसी संबंध में पुलिस छापामारी करने के लिए पहुंची थी. घर का दरवाजा खोलने में देर हुआ तो दरवाजा तोड़कर पुलिस घर में प्रवेश कर गई. जब कोई नहीं मिला तो पुलिस द्वारा मेरे साथ मारपीट की गई. इस दौरान मेरे कपड़े उतार दिए. पुलिस के साथ एक भी महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी. सभी पुरुष पुलिस ने थे. इसकी शिकायत लेकर 18 जुलाई को जब महिला थाने पहुंची तो मेरा आवेदन नहीं लिया गया.
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