चिराग का छलका दर्द, पत्र लिखकर नीतीश कुमार पर साधा निशाना, चाचा पशुपति पारस पर भी लगाए आरोप
चिराग पासवान ने कहा, " पापा ने कभी अपने परायों में कोई फर्क नहीं रखा पर आज उनके के बाद पापा के अपनों द्वारा दिये गये जख्मों से दुखी हूँ. परिवार के टूटने का दुख मुझे है. पापा ने पूरा जीवन पार्टी के साथ-साथ अपने भाईयों को भी आगे बढ़ाने का काम किया."
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में टूट के बाद से चल रही खींचतान के बीच मंगलवार को चिराग पासवान का फिर एक बार दर्द छलका. जमुई सांसद ने मंगलवार को पत्र लिखकर एक ओर पार्टी में टूट का जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार बताया. वहीं, चाचा पशुपति पारस पर विश्वासघात करने का आरोप भी लगाया. चिराग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर अपना पत्र जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ साझा किया है.
जेडीयू ने पार्टी तोड़ने का किया काम
पत्र में चिराग ने लिखा, " जनता दल (यूनाइटेड) ने हमेशा लोक जनशक्ति पार्टी को तोड़ने का काम किया. 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही साथ हमारे बिहार प्रदेश के अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया. उसके बाद 2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम जेडीयू ने किया. आज लोक जनशक्ति पार्टी के 5 सांसदों को तोड़ जनता दल (यूनाइटेड) ने अपनी बांटो और शासन करो की रणनीति को दोहराया है."
प्रिय साथियों
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) June 22, 2021
उम्मीद करता हूँ आप सभी स्वस्थ होंगे, यकीनन पिछला एक साल सभी के लिए कठिन रहा है। कोरोना महामारी की पहली व दूसरी में हम सब ने कुछ ना कुछ खोया है ... pic.twitter.com/tbwEJAESjZ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए चिराग ने लिखा, " रामविलास पासवान के जीवनकाल में कई बार नीतीश कुमार की ओर से उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया. दलित व महादलित में बंटवारा करवाना उसी का एक उदाहरण है. उन्होंने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. इतना कुछ होने पर भी रामविलास पासवान नहीं झुके. लोकसभा के चुनाव में हमारे 6 सांसदों को हराने में जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी."
नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को दिया धोखा
चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधते हुए जमुई सांसद ने कहा, " मुझे ताज्जुब होता है कि पार्टी से निष्कासित सांसद कैसे एक ऐसे व्यक्ति के साथ खड़े हो सकते हैं, जिन्होंने हमेशा रामविलास पासवान को ही नहीं बल्कि बिहार की जनता को धोखा देने का काम किया. नीतीश कुमार ये बर्दाश्त ही नहीं कर सकते कि कोई दलित राजनीति में आगे बढ़े फिर चाहे वो कोई भी हो."
चिराग पासवान ने लिखा, " परिवार के टूटने का दुख मुझे है. पापा ने पूरा जीवन पार्टी के साथ-साथ अपने भाईयों को भी आगे बढ़ाने का काम किया और आज उनको गये 9 महीने भी नहीं हुए और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए उन्होंने परिवार का साथ छोड़ दिया. पापा (रामविलास पासवान) के जाने के बाद से चाचा (पशुपति पारस) ने मुझसे बात करना बंद कर दिया. अगर वो मुझे कहते तो मैं खुशी-खुशी उनका नाम मंत्री पद के लिए लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री जी के समक्ष विचार के लिए रखता."
हर लड़ाई के लिए तैयार चिराग
चिराग ने कहा, " पापा ने कभी अपने परायों में कोई फर्क नहीं रखा पर आज उनके के बाद पापा के अपनों द्वारा दिये गये जख्मों से दुखी हूँ." अंत में पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, " साथियों आने वाले समय में हम सबको एक लंबी और राजनीतिक और सैद्धांतिक लड़ाई लड़नी है. ये लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के अस्तित्व की नहीं बल्कि रामविलास पासवान के विचारधारा को बचाने की है. मैं मजबूती से हर राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूँ और अपने अगले पत्र में पार्टी के संविधान और सिद्धांतों की जानकारी आप सबके साथ साझा करूंगा ताकि आप सबको भी ये विश्वास रहे कि हम लोग कानूनी तौर पर कितने मजबूत है और पार्टी से निलंबित मुट्ठी भर लोग हम से हमारी पार्टी नहीं छीन सकते. मैं आपसे वादा करता हूँ कि लोक जनशक्ति पार्टी हमारी थी और हमारी रहेगी."
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