पटना: लोजपा रामविलास पासवान (LJP Ram Vilas Paswan) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दे को लेकर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई भी चीज नहीं बची है. सीएम नीतीश कुमार को किसी चीज की जानकारी नहीं होती है. ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर रहने का कोई हक नहीं है. 2020 में आप तीसरे नंबर पर आए थे. दूसरों की कृपा से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. नीतीश कुमार 2025 में खाता भी नहीं खोल पाएंगे.


'बिहार में महाजंगलराज से भी बढ़कर स्थिति है'


चिराग पासवान ने कहा कि छपरा की घटना मामूली घटना नहीं है. छपरा में मैं उन पीड़ितों से जाकर मिला उन्होंने कहा कि हथौड़े से पीटा गया और दो लोगों की मौत हो जाती है. एक अभी हॉस्पिटल में भर्ती है. बिहार में बढ़ रहे अपराध पर लोग सवाल पूछेंगे ही कि कितनी हत्याएं के बाद बिहार बदलेगा? पटना में चार लोगों को गोली मार दी जाती है. बिहार में रहना कितनी असुरक्षित हो गया है? यह जंगलराज का विकल्प बताकर आए थे आज की तारीख में महाजंगलराज से भी बढ़कर स्थिति है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खामोश रहते हैं. उनसे कोई भी सवाल पूछिए तो हमें मालूम ही नहीं कहते है. 


होम्योपैथिक का मुद्दा चिराग ने उठाया


लोजपा रामविलास अध्यक्ष ने कहा कि शराबबंदी कानून के बहाने होम्योपैथिक दवाई की कारोबार को बिहार सरकार बंद करने की फिराक में है. शराबबंदी कानून से जहां बिहार के रेवेन्यू की लॉस हो रही है वहीं, इससे होम्योपैथिक से भी सरकारी खजाना खाली होने की उम्मीद है. बिहार में होम्योपैथिक को समाप्त करने की साजिश सरकार के द्वारा की जा रही है. मैं खुद होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करता हूं. केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा गठन किया गया था लेकिन बिहार सरकार होम्योपैथिक एजेंसियों पर छापेमारी करवा रही है और उनको बंद कराने में लगी है. जानबूझकर इस संस्थान को बंद कराने की कोशिश की जा रही है. 


डॉक्टरों को टारगेट किया जा रहा है- चिराग


चिराग ने आगे कहा कि होम्योपैथी संस्थान का रजिस्ट्रेशन होता है उनके खिलाफ सरकार साजिश कर रही है. जिस तरीके से जहरीली शराब से लोगों की मौतें हुई हैं उसमें डॉक्टर का नाम उछाला जा रहा है. होम्योपैथी की छवि को खराब किया जा रहा है. बिहार सरकार इसको पूरी तरीके से समाप्त कर देना चाहती है. शराबबंदी कानून के आड़ में सरकार इसे बंद कराना चाहती है. शराबबंदी कानून से राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस पर कोई विचार नहीं है. बिना किसी जांच के और बिना किसी प्रमाण के डॉक्टरों को टारगेट किया जाता है. मैं भारत की संसद में इस विषय को उठाऊंगा. इस षड्यंत्र को मैं रोक लगाने की कोशिश करूंगा.


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