पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) पर रोक के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar) को जिम्मेदार ठहराया है. चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि जातीय जनगणना के प्रति नीतीश कुमार का शुरू से ही ढुलमुल रवैया रहा है, जिसकी वजह से दो चरणों के बाद उस पर रोक लग गया है. आगे उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जातीय जनगणना की पक्षधर रही है, लेकिन जिस तरीके से नीतीश कुमार ने आनन फानन में बिना किसी मुकम्मल तैयारी किए बिना जनगणना का कार्य प्रारंभ करवा दिया, वह कहीं से भी उचित नहीं था.


आज जातीय गणना का कार्य अधर में लटक गया है- चिराग


चिराग पासवान ने कहा कि सच तो यह है कि नीतीश कुमार की मंशा जातीय जनगणना करवाने की नहीं थी, वे केवल दिखावा कर रहे थे. शुरू से ही हमारी पार्टी लोजपा (रा) यह कहते आ रही थी कि जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक आहूत की जाए, लेकिन आत्ममुग्ध नीतीश कुमार ने उसे नजरअंदाज कर दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि सरकारी खजाने से कोरोड़ों रुपये खर्च हो जाने के बाद भी जातीय जनगणना का कार्य आज अधर में लटक गया है.


सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के आदेश को रखा सुरक्षित


बता दें कि बिहार सरकार ने राज्य में जाति आधारित जनगणना पर अंतरिम रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर पटना हाई कोर्ट के आदेश को सुरक्षित रखा. इससे बिहार सरकार को झटका लगा. वहीं, पटना हाई कोर्ट ने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जल्द करने की बिहार सरकार की अर्जी खारिज कर दी थी.


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