Chirag Paswan: बिहार में अगले साल (2025) विधानसभा का चुनाव होना है. इस बीच केंद्रीय मंत्री और सांसद चिराग पासवान ने 2025 के चुनाव से पहले बड़ा खुलासा कर दिया है. हाल ही में एक टीवी चैनल से बातचीत में एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav) पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भी जोरदार हमला किया है.


इस सवाल पर कि बिहार में चुनाव दहलीज पर है. इस बार चिराग पासवान क्या करेंगे? हनुमान की तरह चुनाव लड़ेंगे या एकला चलेंगे? इस पर चिराग ने कहा, "एकला क्यों चलूंगा. केंद्र सरकार का हिस्सा हूं. एनडीए गठबंधन का मजबूत हिस्सा हूं. उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है. एनडीए विधानसभा का चुनाव ना सिर्फ लड़ेगा बल्कि मजबूती के साथ जीतेगा." 


आप कितनी सीटों पर लड़ेंगे? किसके साथ लड़ेंगे? अब तो प्रशांत किशोर की पार्टी भी मैदान में उतर रही है. इस सवाल पर चिराग पासवान ने कहा, "मैं एनडीए गठबंधन के साथ लड़ूंगा. कितनी सीटों पर लड़ूंगा अगर आज कोई संख्या सार्वजनिक करूंगा तो ये एनडीए गठबंधन धर्म की मर्यादा को तोड़ना होगा. पहले ये तमाम चर्चाएं गठबंधन के अंदर होनी चाहिए." 


चिराग ने कहा- 2020 में कुछ और थीं परिस्थितियां


2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि उस वक्त परिस्थितियां कुछ और थीं. उसी साल मैंने अपने पिता को खोया था. वो फैसले अलग सोच के साथ लिए गए थे. आज मजबूत नेतृत्व केंद्र में भी है और बिहार में भी है, तो मुझे नहीं लगता है कि चीजों के बिगड़ने का कोई कारण होगा. 


जातीय जनगणना पर क्या बोले चिराग पासवान?


चिराग पासवान ने जातीय गणना पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जातीय गणना पर चिराग पासवान ने कहा कि मेरी सोच है कि आप जब किसी को मुख्य धारा में जोड़ने का जिक्र करते हैं तो एक साफ आंकड़ा होना चाहिए. पता होना चाहिए कि आबादी कितनी है, उनके क्या हालात हैं, उस जमात की कौन सी जाति ज्यादा बुरे हाल में है, कारण क्या है, ये तमाम जानकारी आपके पास होनी चाहिए. 


आगे एक सवाल पर कि क्या जातीय जनगणना का मामला सरकार को कमजोर कर सकता है? विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार घेर रहा है. इस पर चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष पिछले 10 साल से घेरने का प्रयास कर रहा है. इस सरकार को कोई कमजोर करे या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई कमजोर करे मुझे नहीं लगता कि फिलहाल कोई ऐसी ताकत खड़ी हो पाई है या हो पाएगी. प्रधानमंत्री की सोच देश को लेकर, देश की प्रगति को लेकर, 2047 तक विकसित भारत को लेकर है. पीएम के पास इतनी ज्यादा स्पष्टता है कि मुझे नहीं लगता है कि कोई ताकत उन्हें कमजोर कर सकती है. चिराग पासवान ने कहा कि तीन-तीन बार प्रधानमंत्री बनने का अनुभव कितने लोगों के पास है?


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