पटनाः मोदी कैबिनेट में पशुपति पारस को बुधवार को मंत्री पद की जगह मिल गई है. पशुपति को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का मंत्री बनाया गया है. इधर, मंत्री पद मिलने के बाद चिराग पासवान ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद चिराग ने ट्वीट कर ऐतराज भी जताया है.


चिराग ने कहा कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण एलजेपी से पशुपति कुमार पारस को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है. अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है. लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशु ति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है.


चिराग ने पटना में ही कोर्ट जाने की कही थी बात


बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सांसद चिराग पासवान ने बीते मंगलवार को ही पटना स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अपने चाचा पशुपति पारस पर जमकर बरसे थे. पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए चिराग पासवान ने कहा था कि मेरी अनुमति के बिना एलजेपी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो मैं कोर्ट जाऊंगा. क्योंकि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं हूं और पार्टी भी मेरी है.


राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 66 सदस्य हमारे साथः चिराग


चिराग ने कहा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही कहा था कि चाचा और बागियों ने रामविलास के विचारों को कुचला है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 75 सदस्य हैं. इसमें 66 सदस्य हमारे साथ हैं. सबके ऐफिडेविट भी हैं. पशुपति कुमार पारस ने पटना में खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर तो दिया, लेकिन इस बारे में चुनाव आयोग में कोई क्लेम नहीं किया और ना ही खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया. मैं चुनौती देता हूं कि वो मुझे गलत साबित करें. मैं चुनाव आयोग और कोर्ट, दोनों जगहों पर चुनौती दे सकता हूं.