पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित एलजेपी कार्यालय में रविवार को पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की मौजूदगी में पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में पार्टी अध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ नेता, विधानसभा चुनाव के सभी उम्मीदवार और कार्यकर्ता मौजूद थे. बैठक में आए लोगों को चिराग ने संबोधित किया. हालांकि, इस दौरान वे अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान को याद कर भावुक हो गए.
चिराग ने आद्र स्वर में कहा कि पहली बार पापा के बिना बैठक हो रही है. हमने कल्पना नहीं की थी कि हमें जब सबसे अधिक उनकी जरूरत होगी, तब वो हमारे साथ नहीं रहेंगे. उनके जाने के बाद मेरे पास दो ही विकल्प था, या तो मैं टूट जाता या पिता जी की बात याद करता कि शेर का बच्चा होगा तो, अकेले जंगल चीर कर निकलेगा. अगर गीदड़ का बच्चा होगा तो मारा जाएगा. मैं साबित करना चाहता था कि मैं सही मायनों में शेर का बच्चा हूं. इसलिए मजबूती के साथ अपनी सोच को लेकर मैं आगे बढ़ा.
उन्होंने कहा कि उनके लिए वो क्षण बहुत भावुक क्षण था जब पार्टी नेताओं ने मिलकर ये फैसला लिया कि एलजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी. उस दिन पापा होश में नहीं थे. लेकिन फिर भी मैं उनके पास गया और उन्हें सभी बातें कही. 8 तारीख को उनका निधन हो गया, लेकिन मुझे चुनाव की चिंता थी. पहले चरण के प्रत्याशियों की सूची जारी करनी थी. रात भर मैंने बैठ कर सूची तैयार की. मैं विचलित नहीं हुआ और सारे काम निपटाए.
मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और कहा था कि उनकी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा चलाये गए योजनाओं की जांच कराई जाएगी. गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें जेल भेजा जाएगा. एलजेपी के अलग लड़ने का खामियाजा भी जेडीयू को भुगतना पड़ा. लेकिन एलजेपी भी मात्र एक सीट ही जीत पायी.