Bihar Lok Sabha Elections: देश में और दो चरणों के मतदान के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएगा. कुल सात चरण में मतदान होना है जिसमें से पांच हो चुका है. बात बिहार की करें तो पांच चरण में 40 सीटों में से 24 पर मतदान हो चुका है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2019 की अपेक्षा 2024 में बिहार में हुए मतदान में 2 से 3 फीसद की कमी हुई है. हालांकि चौंकाने वाली बात है कि अब तक हुए 24 लोकसभा क्षेत्र में 23 लोकसभा सीटों पर मतदान तो कम हुए लेकिन सबसे हॉट सीट हाजीपुर में 1.42 फीसद वोट की वृद्धि हुई है. ऐसे में साफ हो रहा है कि पशुपति पारस से अधिक जलवा चिराग पासवान का है.
दरअसल हाजीपुर लोकसभा सीट से कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. पांचवें चरण में यहां 20 मई को मतदान हुआ था. मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन से आरजेडी के उम्मीदवार शिवचंद्र राम और एनडीए गठबंधन से एलजेपी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान के बीच रहा. अब ऐसे में वोटिंग प्रतिशत की वृद्धि का कारण क्या है इसे समझना जरूरी है. आखिर इसके क्या मायने हैं?
हाजीपुर सीट पर 56.84 फीसद हुई है वोटिंग
सबसे पहले यह जान लें कि हाजीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट है और 20 मई को हुए मतदान में यहां 56.84 फीसद वोटिंग हुई है. 2019 में 55.22% मतदान हुए थे यानी 2019 की अपेक्षा 1.42% मतदान अधिक हुआ है. इसकी बड़ी वजह क्या है इस पर राजनीतिक विश्लेषण अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि निश्चित तौर पर हाजीपुर में चिराग पासवान का चेहरा प्रमुख रहा है. यही वजह है कि चिराग पासवान के चेहरे को लेकर ही वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि हुई है.
अरुण पांडेय ने कहा कि वोटरों का चिराग पासवान के प्रति रुझान बढ़ा है क्योंकि 2019 में भी महागठबंधन से आरजेडी के प्रत्याशी शिवचंद्र राम ही थे जो इस बार भी हैं. एनडीए से 2019 में चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस थे लेकिन इस बार चाचा-भतीजे की लड़ाई में चिराग की जीत हुई और चिराग पासवान पहली बार अपने पिता के क्षेत्र पर कब्जा जमाए और यहां से पहली बार चुनाव लड़े. चिराग युवा नेता हैं इस कारण वोटरों में रुझान बढ़ा है.
वोट प्रतिशत बढ़ने से क्या कुछ होगा?
अरुण पांडेय कहते हैं कि मतदान अधिक होने से वोट में मार्जिन भी अधिक होगा यह कहना मुश्किल है. क्योंकि इस बार लालू प्रसाद यादव भी पूरी तरह सक्रिय हैं. बिहार में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सभी जगहों पर टक्कर दे रहे हैं. ऐसे में हाजीपुर के वोटिंग प्रतिशत पर तो यह मानना उचित होगा कि चिराग के प्रति लोगों का रुझान है.
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में एलजेपी से पशुपति कुमार पारस और आरजेडी से शिवचंद्र राम का मुख्य मुकाबला था जिसमें पशुपति कुमार पारस 205499 मतों से जीते थे. 2014 में भी रामविलास पासवान ने कांग्रेस प्रत्याशी संजीव कुमार टोनी से 225500 मतों से जीत हासिल की थी. 2014 में 54.85% मतदान हुए थे. इस बार दोनों बार के मुकाबले अधिक मतदान हुए हैं. ऐसे में एक्सपर्ट की राय के अनुसार हाजीपुर में चिराग पासवान का जलवा तो दिखा है लेकिन वोट मार्जिन में क्या चाचा और पिता से आगे जा पाएंगे चिराग पासवान यह कहना मुश्किल है.
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