पटना: राजधानी पटना में सोमवार को बिहार विधान सभा का बजट सत्र शुरू है. इस दौरान सांसद चिराग पासवान ने पीसी की. उन्होंने कहा कि हमारी नजर बिहार के बजट सत्र पर भी है. बिहारियों के लिए बजट में क्या क्या वादे होंगे उस पर नजर होगी. कहा कि आज का उनका विषय अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों का है. अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों को स्कॉलरशिप मिलती है. पहले छात्र को पूरी राशि मिलती थी अब उन राशियों में बदलाव कर दिए गए हैं. बिहार सरकार दलितों के साथ धोखा कर रही है. नीतीश कुमार बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं.


दलितों की हत्या पर मुख्यमंत्री खामोश


चिराग ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी कई बदलाव किए हैं. फ्रीशिप कार्ड के जरिए छात्र के खाते में सीधे पैसे आएंगे. चिराग बोले कि मौजूदा बिहार सरकार दलित विरोधी है, अनुसूचित जाति जनजाति विरोधी है. नीतीश कुमार दलित विरोधी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. अनुसूचित जाति जनजाति से आने वाले लोगों को टारगेट किलिंग कर मारा जा रहा है. दलित युवा युवती के साथ निर्मम हत्या, दुष्कर्म के मामले आ रहे हैं, इस पर एक ओर मुख्यमंत्री खामोश हैं तो वहीं दूसरी ओर 2020 चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एक योजना लेकर आते हैं कि दलित परिवारों के अंदर अगर किसी की हत्या होगी तो एक सदस्य को सरकारी नौकरी और चार लाख का मुआवजा मिलेगा.


मुख्यमंत्री जनता को गुमराह कर रहे


आगे कहा कि आए दिन दलित परिवार के सदस्य की हत्या हो रही है, लेकिन लोगों को उचित अधिकार नहीं मिलता है. मुख्यमंत्री ने बिहार में बंटवारे की राजनीति की है. जो मुख्यमंत्री बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं, वह पूर्णिया में संविधान बचा रहे थे. इस देश में कभी संविधान की हत्या नहीं हो सकती है. ऐसी बातें मुख्यमंत्री की सोच को दर्शाती है. बिहार और बिहारियों के ज्वलंत विषय पर चर्चा करने की बजाय मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करते हैं.


छात्रों के हित के लिए करेंगे आंदोलन


छात्रवृत्ति छात्रों के खाते में जाने की वजह है कि ये हर जगह जाती है. केंद्र के पैसे को सरकार इस्तेमाल नहीं कर पाती है. बिहारियों को बरगलाने और भ्रमित करने के लिए नीतीश विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं. चिराग बोले कि वह छात्रों के हित को लेकर भी बड़े आंदोलन करेंगे. चिराग ने संभावनाएं जताई है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हो सकते हैं. महागठबंधन की रैली का एक ही उद्देश्य था, वो बस पीएम मोदी को नीचा दिखाना चाहते थे.


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