बिहार: क्या JDU का खेल बिगाड़ सकती है चिराग पासवान की LJP? जानें इस बार के चुनाव की खासियत
LJP ने बिहार चुनाव में अकेले चुनाव मैदान में उतरकर ऐसा सियासी दांव चला है, जिससे बीजेपी के सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) का खेल बिगड़ सकता है.
पटना: देश में कोरोना संकट के दौर में बिहार पहला राज्य है जहां विधानसभा चुनाव हो रहा है. कुल 243 विधानसभा सीटों में पहले चरण की 71 सीटों पर चुनाव आज है. आरजेडी-कांग्रेस ने महागठबंधन में वामपंथी दलों को साथ लिया है. वहीं एनडीए गठबंधन में इस बार बीजेपी-जदयू के अलावा वीआईपी और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा साथ हैं. एलजेपी इस बार एनडीए गठबंधन का हिस्सा नहीं है.
केंद्र में एनडीए के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने बिहार चुनाव में अकेले चुनाव मैदान में उतरकर ऐसा सियासी दांव चला है, जिससे बीजेपी के सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) का खेल बिगड़ सकता है. दीगर बात है कि एनडीए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनावी मैदान में है.
चिराग ने अपना स्टैंड JDU से अलग क्यों दिखाया एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी की कमान संभालते ही अलग स्टैंड लिया, जिससे पार्टी को मजबूती से स्थापित किया जा सके. अब वे खुद को स्थापित करने की जद्दोजहद में हैं. यही वजह है कि कई मौकों पर उन्होंने अपना स्टैंड जेडीयू से अलग दिखाया.
चिराग ने इस चुनाव में कुल 136 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए, जिनमें दो का मखदुमपुर और फुलवारी में नामांकन रद्द हो गया. इस तरह अब 134 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से ज्यादातर उम्मीदवार जेडीयू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं. एलजेपी का हालांकि गोविदंगज, लालगंज, भागलपुर, राघोपुर, रोसड़ा और नरकटियागंज में भी उम्मीदवार है जहां से बीजेपी चुनावी मैदान में है.
चिराग ने बीजेपी उम्मीदवार को जीताने की अपील की इधर, चिराग ने भी उन सभी सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार को जीताने की अपील की है, जहां से एलजेपी के उम्मीदवार नहीं हैं. हालांकि बीजेपी और जेडीयू लगातार एलजेपी को अलग होने की बात करते हुए बयान दे रही है.
कहा जा रहा है कि एलजेपी इस चुनाव में नरेंद्र मोदी की छवि का प्रचार करके कम से कम 10-15 सीटें जीतना चाहती है, ऐसे में अगर बीजेपी और जेडीयू मिलकर 122 के सरल बहुमत आंकड़े को हासिल करने में पीछे रह जाते हैं तो एलजेपी की बीजेपी के सहयोगी के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
इस बार बिहार चुनाव में और क्या खास बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद विधानसभा चुनाव से 40 सालों में पहली बार दूर हैं. उनकी अनुपस्थिति में उनके बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी उनके पदचिह्नें पर चलते हुए चुनाव में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं. तेजस्वी बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं.
वहीं आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की पुत्रवधू ऐश्वर्या राय नीतीश कुमार के साथ चुनावी मंच पर अपने पिता चंद्रिका राय के लिए जनता से वोट की अपील करती हुईं दिखाई दीं. तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आप सभी से अपील करने आई हूं कि आप अपना वोट देकर मेरे पिताजी को विजयी बनाएं और नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाएं. यह परसा विधानसभा क्षेत्र के मान सम्मान की बात है."
परसा विधानसभा क्षेत्र से चंद्रिका राय जदयू के उम्मीदवार हैं. वे यहां से आरजेडी के टिकट पर पिछला चुनाव जीते थे. ऐश्वर्या राय की शादी लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से हुई थी. बाद में तेजप्रताप ने पटना की एक अदालत में तलाक की अर्जी दी है. चंद्रिका राय बाद में जेडीयू का दामन थाम लिया.
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