आरा: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नोट को लेकर किये गए फैसले पर कई राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस फैसले को राष्ट्रीय स्तर का फैसला बताया है. आरा में शनिवार को चिराग पासवान लोजपा (रामविलास) पार्टी के सक्रिय नेता आरा के बेगमपुर निवासी दीपक कुमार उर्फ दीपू की मां मानती देवी के निधन के बाद उनके परिवारों से मिलने के लिए पहुंचे थे. चिराग पासवान ने परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया और सांत्वना दी.
इस दौरान चिराग पासवान ने कहा कि नोटबंदी का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर लिया गया फैसला है जो पहले ही ले लेना चाहिए था. जब बड़े करेंसी (नोट) मार्केट में रहते हैं तो असामाजिक तत्व, अपराधिक गतिविधियों को बल देते है. उनको इकठ्ठा करके रखना काफी आसान हो जाता है. राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जो देश में आतंकवादियों से लड़ाई लड़ने का प्रयास कर रहे है.
चिराग पासवान ने कहा कि यकीनन उसमें बल मिलेगी. दो हजार के नोट बंद होने के बाद विपक्ष में तर्क–वितर्क होते रहते हैं लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. सत्ता या विपक्ष के लोगों की सोच एक दिशा में होनी चाहिए कैसे तेज गति से आय को बढ़ाया जाए. लोगों के हाथ में पैसा तब आएगा जब आपके हाथ को काम मिलेगा. बिहार जैसे राज्य में जहां युवा काम नहीं मिलने के कारण पलायन करने पर मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी में राजनीति करने के बजाय कैसे हर हाथ को रोजगार मिले इस पर ध्यान देना चाहिए.
बिहार में कानून-व्यवस्था पर चिराग पासवान ने उठाए सवाल
इस दौरान चिराग पासवान ने नीतीश-तेजस्वी के सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जो जंगलराज का विकल्प बनाकर आए थे आज उन्हीं के राज में महा जंगल राज कायम हो गया है. बिहार में आज की तारीख में हर दिन हत्याएं हो रही हैं लोग अपने घर से निकलने में दस बार सोच रहे हैं कि सुबह में निकले तो शाम को घर आ पाएंगे या नहीं. ये डर-भय हर बिहारियों के मन में है, जहां अपराध चरम सीमा पार कर गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के किसी गांव में कोई भी सरकारी कार्य बिना घूस दिए नहीं हो रहा है. सरकार नहीं चाहती ज्वलंत विषयों को उठाए या उसपर कोई चर्चा हो. उन्होंने कहा कि ध्यान भटकाने को लेकर रह-रहकर कभी रामचरित मानस को लेकर तमाम तरीके विवादस्पद बयान इसलिए दिए जाते हैं ताकि काम की बातों को छुपाया जा सके.
'एक मंच ही पर एक दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री पद के दावेदार दिखते हैं'
चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर कभी भी एकजुट नहीं हो पाएंगे. एकजुट होने के लिए विपक्ष के दलों के नेताओं को अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाओं को त्यागना पड़ेगा. विपक्षी दल के नेता मंच पर फोटो खिंचवाने के लिए एक दूसरे का हाथ पकड़ लेते हैं. जब-जब विपक्षी दल के नेता विपक्षी एकता को दिखाने के लिए फोटो खिंचवाते हैं तो एक मंच ही पर एक दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री पद के दावेदार दिखते हैं. हर किसी के मन में यही चलता है कि कैसे बगल वालों को काटे, कैसे बाएं-दाएं वालों को काटे और खुद प्रधानमंत्री पद के दावेदार बन जाएं.
चिराग का नीतीश कुमार पर बड़ा हमला
इस दौरान चिराग पासवान ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा ''हमारे मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश में दर-दर भटक रहे हैं. इसी मंशा से दरवाजे-दरवाजे जाकर प्रधानमंत्री पद के लिए अर्जी लगा रहे हैं. जिस मुख्यमंत्री को आज की तारीख में बिहार में होना चाहिए था. बिहार में हो रही हत्याओं के पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए. जहरीली शराब से हो रही मौतों में उनके पीड़ित परिवार से मिलना चाहिए वो मुख्यमंत्री दरवाजे-दरवाजे जा रहे हैं, ताकि उनको देश का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बना दिया जाए. इसी लालसा में तमाम विपक्षी दल लगे हुए हैं.'' उन्होंने कहा कि आज तक ऐसा हुआ नहीं जो विपक्ष एकजुट हो जाए, ये सिर्फ भ्रम मात्र है.
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