Chirag Paswan: यूपी उपचुनाव में BJP को टेंशन देंगे चिराग पासवान? बदल सकता है चुनाव का पूरा समीकरण
UP by-Election: कौशांबी में 26 सितंबर को चिराग पासवान रैली को संबोधित करेंगे और पासी, पासवान, दलित वोटरों को साधेंगे. चिराग पासवान यूपी उपचुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं.
Chirag Paswan News: एलजेपी आर के सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान अब यूपी में पैर पसारने के मूड में हैं. एलजेपी आर यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव लड़ने की तैयारी में है. पार्टी ने चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी का जनाधार बढ़ाने और चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाशने को लेकर चिराग पासवान गुरुवार से यूपी के दौरे पर हैं. 26 सितंबर को चिराग पासवान कौशांबी जिले में रैली को संबोधित करेंगे. चिराग पासवान पासी, पासवान और दलित वर्ग के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे.
यूपी में चिराग पासवान का कार्यक्रम
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान पहली बार यूपी आ रहे हैं. हालांकि कौशांबी के बाद वे जल्द ही दूसरे कई जिलों में कार्यक्रम करेंगे. बिहार की जमुई सीट से लोजपा आर के सांसद अरुण भारती रैली को सफल बनाने के लिए बुधवार को प्रयागराज पहुंचे. प्रयागराज में उन्होंने दावा किया कि कौशांबी की रैली में चिराग पासवान के साथ ही उनके अलावे पार्टी के कई और सांसद भी हिस्सा लेंगे. अरुण भारती ने कहा कि चिराग पासवान सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि यूपी समेत पूरे देश के लोकप्रिय नेता हैं. वह कहीं भी वोट मांगने के लिए निकलेंगे तो लोग उनका समर्थन करेंगे.
'यूपी में नहीं है कोई हमारा समझौता'
अरुण भारती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बीजेपी से हमारा समझौता सिर्फ केंद्र और बिहार विधानसभा में है. यूपी में हमारा कोई समझौता नहीं है. हमारे संगठन ने यहां अगर तैयारी की है और पार्टी से कुछ लोग लड़ना चाहते हैं तो लोजपा आर यूपी विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेगी. संविधान और आरक्षण को खतरे में बताने का दावा करने वाले लोगों का मुंहतोड़ जवाब देने में चिराग पासवान और उनकी पार्टी ही सक्षम है. चिराग पासवान की वजह से ही संविधान और आरक्षण का नारा बिहार में नहीं चल पाया उनके मुताबिक चुनाव लड़ने का फैसला यूपी की कमेटी पर छोड़ा गया है.
जातीय जनगणना पर बोले अरुण भारती
लोजपा आर के सांसद के अनुसार कमेटी जिन सीटों पर उम्मीदवार लड़ाने का फैसला करेगी, केंद्रीय नेतृत्व वहां उम्मीदवारों के नाम को तय करेगा. दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए कई बार सरकार के मुखिया तक को आवाज उठानी पड़ती है. पहले की सरकारों में कुछ वर्ग के लोगों के साथ जो नाइंसाफी हुई है उन्हें चुनाव और सरकार के जरिए दूर करने की कोशिश की जाएगी.
सांसद ने चिराग पासवान के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने जातीय जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना सरकार को योजनाओं के निर्धारण के लिए कराना चाहिए. यह सरकार पर छोड़ देना चाहिए कि वह आंकड़ों को सार्वजनिक करती है या नहीं.
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