हाजीपुर: आरक्षण संशोधन बिल ( Bihar Reservation Amendment Bill) के समर्थन में गुरुवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने हाजीपुर में बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाता है तो सरकार और उनकी कैबिनेट मजबूती से अपना पक्ष रखेगी. हम सब भी उनके साथ हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि यह बिल सिर्फ राजनीतिक जुमला और राजनीतिक फायदे और चुनावी लाभ के लिए नहीं होनी चाहिए. चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को याद दिलाया कि महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण जो न्यायिक प्रक्रिया में लंबित है. बिहार में आरक्षण 50% से 75% बढ़ाए जाने को लेकर बिहार के विधान परिषद और विधानसभा में बहस हो रही है. 


आरक्षण का दायरा बढाई गई यह अच्छी बात है, लेकिन इसको इस तरीके से न बढाए जो सिर्फ राजनीतिक जुमला और राजनीतिक फायदे के लिए न हो. राजनीतिक लाभ के लिए यह घोषणा बनकर  सिर्फ न रह जाए.


'महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण बिल विवादों में फंस गया'


चिराग पासवान आरक्षण संशोधन बिल के समर्थन में दिख रहे हैं, लेकिन आगे उन्होंने नीतीश सरकार और उनकी कैबिनेट पर सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अगर मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाता है तो मैं सरकार के साथ खड़ा रहूंगा. चिराग पासवान ने उदाहरण देते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में और राजनीतिक फायदे के लिए आरक्षण बढ़ाया गया, जो विवादों में फंसकर रह गया. उदाहरण के तौर पर चिराग पासवान महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण बिल को याद दिलाया. उन्होंने कहा कि विवादों में फंस गया.


आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 सर्वसम्मति से पास 


बता दें कि बिहार विधानसभा में गुरुवार को 'आरक्षण संशोधन विधेयक 2023' सर्वसम्मति से पास हो गया. विधेयक दो दिन पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक से पास हो चुका है. दोपहर के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सरकार ने विधानसभा में 'आरक्षण संशोधन विधेयक 2023' पेश किया, जिसका किसी पार्टी ने विरोध नहीं किया. इस विधेयक में 75% आरक्षण लागू होगा। इस आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी की ओर से संशोधन प्रस्ताव दिया गया था, जिसके विषय में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा सफाई दिए जाने के बाद बीजेपी के संबंधित सदस्यों ने संशोधन के प्रस्ताव को वापस ले लिया, जिसके बाद विधेयक पास हो गया.


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