Chirag Paswan: चिराग ने बताई 2020 में NDA का साथ छोड़ने की वजह, CM नीतीश के कारनामे याद कर PM मोदी का लिया नाम
Chirag Paswan Statement: चिराग पासवान हमेशा सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं. वहीं, रविवार को एक्स पर उन्होंने पीएम मोदी के बयान पर सीएम नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया.
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पटना: पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और दिवंगत राम रामविलास पासवान को लेकर दिए गए बयान पर एलजेपी रामविलास प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने एक्स पर रविवार को प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कई बार मुझसे सवाल करते हैं कि 2020 में आपने एनडीए से अलग चुनाव लड़ने का निर्णय क्यों लिया? इसके दो कारण थे-पहला मुझे तब भी यकीन था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास संभव नहीं था और दूसरा ये कि जिस तरह नीतीश कुमार ने मेरे पिता का अपमान किया था उसे कोई पुत्र सह नहीं सकता था. मैं उस व्यक्तिगत पीड़ा को अपने अंदर ही समेटे रखना चाहता था, लेकिन तेलांगना में आदरणीय प्रधानमंत्री ने इस बात का जिक्र मंच से किया तो मुझे लगता है कि मैं साथियों के उस प्रश्न का जवाब अब देने की स्थिति में हूं.
मुझे नीतीश कुमार का नेतृत्व अस्वीकार था- चिराग पासवान
चिराग पासवान ने कहा कि मैं आभारी हूं कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने बात को सार्वजनिक करते हुए याद किया कि कैसे राज्यसभा चुनाव के वक्त मुख्यमंत्री ने हमलोगों के साथ सामंती व्यवहार किया था. एक पुत्र के लिए पिता के आदर-सम्मान से बढ़ कर और क्या हो सकता है? मैंने एनडीए से अलग अकेले चुनाव लड़ने का संकल्प लिया क्योंकि मुझे नीतीश कुमार का नेतृत्व अस्वीकार था.
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
एलजेपी रामविलास प्रमुख ने कहा कि मेरी पार्टी तोड़ने वालों ने सबकुछ जानते हुए स्वार्थवश मुझ पर आरोप लगाए कि उन्होंने पार्टी इसलिए तोड़ी क्योंकि वे नीतीश कुमार के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे और मैंने ऐसा होने नहीं दिया. उस वक्त उनके आचरण से मुझे बहुत ठेस पहुंचा. मैं दुखी हुआ था क्योंकि वे भलीभांति जानते थे कि राज्यसभा चुनाव के वक्त नीतीश कुमार ने पिता के साथ कैसा बर्ताव किया था. मैं समझ नहीं पा रहा था कि जिन्हें वे अपना भगवान बताते नहीं थकते थे उनके अपमान के बावजूद अपमान करने वाले के साथ रहकर चुनाव लड़ना उन्हें कैसे मंजूर था?
'अपने पिता के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया'
पासवान ने कहा कि उस वक्त मेरे पास इस हकीकत को जाहिर करने और अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए कोई साक्ष्य नहीं था, लेकिन समय बलवान होता है शायद उन्हें आज प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद जवाब मिल गया होगा. मुझे गर्व है कि मैंने किसी मंत्री पद की लालच में अपने पिता के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया.
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