Bihar Politics: विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चिराग पासवान की रणनीति शुरू, पार्टी के सभी जिला प्रभारियों की कर दी छुट्टी
Chirag Paswan Strategy: इस समय बिहार में लोजपाआर की स्थिति काफी मजबूत है. यही वजह है कि इस मजबूत स्थिति को देखते हुए चिराग अपनी पार्टी में नए सिरे से और अधिक उर्जा भरना चाहते हैं.
New Committee Of LJPR Will Formed: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लोजपाआर के चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपनी राजनीतिक रणनीति की शरूआत कर दी है. इसके तहत सबसे पहले लोजपाआर ने बिहार में अपने सभी जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों को को हटा दिया है. इस पूरे काम को चिराग के जीजा और जमुई सांसद अरुण भारती देख रहे हैं. गुरुवार को इसकी जानकारी बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने विज्ञप्ति जारी कर दी है. जो लेटर जारी हुआ है उसमें बताया गया है कि नई कमेटी की घोषणा जल्द की जाएगी.
शीतकालीन सत्र के बाद होगा कमेटी का गठन
दरअसल अभी पार्टी के तमाम बड़े नेता लोकसभा शीतकालीन सत्र को लेकर दिल्ली में हैं. सत्र खत्म होने के बाद नई कमेटी बनाई जाएगी. दरअसल पार्टी ने अपने जिला प्रभारियों और जिला सह प्रभारियों को मिलाकर 76 जिला स्तर के पदाधिकारियों की छुट्टी कर दी है. तीन साल पहले चिराग पासवान के आदेश पर प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया गया था. साथ ही प्रदेश इकाई के सभी प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी टीम को भी समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद इनका नए सिरे से गठन किया गया था.
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में लोजपा 137 सीटों पर लड़ी थी और पार्टी से महज एक विधायक जीते थे. 9 सीटों पर लोजपा दूसरे नंबर पर रही थी. कई ऐसी सीटें थी, जहां लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी, लोजपा की वजह से जीती थी. विधानसभा चुनाव के बाद लोजपा में टूट हो गई थी. एक लोजपा ( रामविलास) बनीं और दूसरी राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी. एक के अध्यक्ष चिराग पासवान और दूसरी के चाचा पशुपति पारस हुए.
बिहार में लोजपाआर की स्थिति काफी मजबूत है
अब पारस गुट को एनडीए में तरजीह नहीं मिल रही है, इस समय आरएलजेपी की हालत खस्ता है. पार्टी में टूट की खबर भी है, जबकि चिराग गुट से चिराग पासवान को केन्द्र में मंत्री बना दिया गया है. इस समय लोजपाआर की स्थिति काफी मजबूत है. इसके पांच सांसद लोकसभा में चुन कर गए हैं. यही वजह है कि इस मजबूत स्थिति को देखते हुए चिराग अपनी पार्टी में नए सिरे से और अधिक उर्जा भरना चाहते हैं. इसीलिए जिला स्तर तक तमाम पदाधिकारियों को बदला जा रहा है.