Chirag Paswan: पांचवें चरण में 20 मई को हाजीपुर में वोटिंग है. यह बिहार की हॉट सीट बन गई है. प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. एनडीए से एलजेपी आर के प्रत्याशी चिराग पासवान चुनावी मैदान में हैं. यहां से अपने पिता रामविलास की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश में हैं. रामविलास आठ बार यहां से सांसद बने थे. चिराग पूरे दमखम के साथ कैंपेन कर रहे हैं. चेहराकलां की सभा में बुधवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष एवं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पहुंचे थे. चिराग का मुकाबला आरजेडी के प्रत्याशी शिवचंद्र राम से है.


चिराग पासवान ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा मेरे चाचा पशुपति पारस हाजीपुर से सांसद अभी हैं. अगर वह मेरे लिए प्रचार करने आते तो अच्छा रहता. चाचा पारस मेरे लिए अभिभावक हैं. मेरे पिता के जाने के बाद वही मेरे पिता हैं. चाचा पारस बोल रहे कि मैंने उनको अपने प्रचार में आने के लिए निमंत्रण नहीं भेजा. सच यह है कि मैंने उनको अपने नामांकन, प्रचार में आने के लिये कॉल किया था. सबूत मेरे पास है. मैं कॉल डिटेल दिखा सकता हूं. वह फोन कुछ सेकेंड के लिये उठाए फिर फोन काट दिए. 


आगे उन्होंने कहा कि मैंने अपने पिता को कभी नामांकन, प्रचार में आने के लिए आमंत्रित किया था. वह खुद आते थे. परिवार में आमंत्रण नहीं दिया जाता. चाचा पारस का अपना भी बेटा है. कल को वह चुनाव लड़ेगा तो क्या चाचा पारस अपने बेटे से उम्मीद रखेंगे कि वह आमंत्रण भेजे.


चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव में जिस रोजगार को मुद्दा बना रहे हैं उसके बदले उन्होंने कितनी जमीन लिखा ली पहले वह यह बताएं. जमीन लिखवाए बिना वह रोजगार किसी को देते नहीं हैं. 'इंडिया' गठबंधन की सरकार बनने पर तेजस्वी लाखों रोजगार देने का वादा कर रहे हैं. पहले वह यह बताएं कि बिहार में इतनी जमीन उनको मिलेगा क्या? क्योंकि बिना जमीन लिखवाये वह नौकरी तो देते नहीं हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारा देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. देश मजबूत होता है तो रोजगार के अवसर बनते हैं. रोजगार युवाओं को मिल रहा है. आरजेडी के शासनकाल में पलायन को बढ़ावा मिला था. 


बता दें तेजस्वी ने आज पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री के गलत नीतियों के कारण 25 करोड़ युवा बेरोजगार हैं. पीएम मोदी ने खुद एक और नीति बनायी थी कि 75 साल के जो हो जायेंगे वह मार्गदर्शन मंडल में जायेंगे. मुझे विश्वास है अब वह भी मार्गदर्शन मंडल में शामिल हो जाएंगे. हमने डिप्टी सीएम रहते 5 लाख नौकरी दी. पीएम नौकरी की बात नहीं कर रहे हैं.


एलजेपी आर प्रमुख ने कहा कि ओवैसी मतदाताओं को इंफ्लूएंस कर रहे हैं. वोटिंग करना हर मतदाता का अपना व्यक्तिगत अधिकार है. जिस मतदाता को लगता है कि पीएम मोदी उसके भविष्य के लिए बेहतर हैं वह मतदाता नरेंद्र मोदी जी को वोट करेगा. इसलिए वोटरों की बुद्धि, सोच पर ओवैसी उंगली नहीं उठा सकते हैं. इस तरह का सवाल ओवैसी का उठाना उनकी हार की बौखलाहट को दर्शा रहा है. चार चरणों की वोटिंग के बाद ओवैसी को अपना व पार्टी का प्रदर्शन समझ आ रहा होगा. पीएम मोदी ने उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि योजना, मुफ्त अनाज योजना, आयुष्मान भारत योजना का लाभ लोगों को दिया तो उन्होंने जाति देखकर नहीं दिया. केंद्र सरकार की योजनाओं का हिन्दू मुस्लिम सबको लाभ हुआ. 



बता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में मुसलमानों को घुसपैठिया और ज्यादा बच्चे वाला कहा था. अब वो कह रहे हैं कि मुसलमानों की बात नहीं कर रहे थे, उन्होंने कभी हिंदू-मुस्लिम नहीं किया. ओवैसी ने पीएम मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा, "कटघरे में सिर्फ मोदी नहीं हैं, बल्कि हर वो वोटर है जिसने इन भाषणों के बावजूद भाजपा को वोट दिया'.


भूपेश बघेल के बयान पर पासवान ने कहा कि वायनाड में राहुल गांधी का चुनाव कठिन है. वायनाड में वाम दल जो 'इंडिया' गठबंधन में हैं वह राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. रायबरेली भी राहुल गांधी के लिए बहुत कठिन है. ऐसे समय में भूपेश बघेल का यह बयान देना राहुल गांधी के लिए और घातक हो जाएगा. बचे हुए जो दल 'इंडिया' गठबंधन में हैं वह भी भूपेश बघेल के इस बयान के बाद कांग्रेस से पल्ला झाड़ लेगी. इस तरह का बयान देने से पहले सहयोगी दलों से पूछ लेना चाहिए कि राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार मानेंगे क्या? जो राहुल गांधी रायबरेली से सांसद का चुनाव नहीं जीत सकते. वह पीएम कैसे बनेंगे? 


बता दें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कहा कि रायबरेली के लोग सिर्फ लोकसभा सदस्य नहीं चुन रहे हैं, बल्कि स्व. इंदिरा गांधी जी के बाद अब रायबरेली के लोग देश का प्रधानमंत्री चुनने जा रहे हैं. राहुल गांधी रायबरेली से कांग्रेस प्रत्याशी हैं.


एलजेपी आर प्रमुख ने कहा कि बिना सीएम नीतीश के तेजस्वी बहुत कमजोर हो गए हैं. तेजस्वी को पता है कि 2019 की तरह उनका खाता इस बार भी नहीं खुलेगा. इसलिए सीएम नीतीश के नाम का सहारा लेना चाहते हैं. महागठबंधन एकजुट नहीं है. गांधी परिवार बिहार आकर चुनाव प्रचार नहीं कर रहा है. एनडीए मजबूत व इंडिया गठबंधन मजबूर गठबंधन है.


बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नामांकन था और नीतीश बीमार हो गए. नहीं गए. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कहा कि चाचा ने कहा था कि जो 14 में आए हैं, वह 24 में जाएंगे. मुझे पूरा विश्वास है. हम उसी के तहत काम कर रहे हैं. चाचा जी सीखाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नामांकन था और चाचा बीमार हो गए. मुझे पूरा विश्वास है कि चाचा का आशीर्वाद हमारे साथ है.


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