पटना: एलजेपी में टूट के बाद सभी ये सोच रहे थे कि अब चिराग पासवान का क्या होगा? चिराग आगे क्या फैसला लेंगे? खासकर कल और आज एलजेपी के सांसद पशुपति पारस के घर के बाहर से जो तस्वीरें सामने आईं, उसने इस सवाल को और गहरा और महत्वपूर्ण बना दिया था. हालांकि, चाचा समेत अन्य सांसदों की बगावत से नाराज चिराग अब एक्शन मोड में आ गए हैं. 


पार्टी से निकालने का कर सकते हैं फैसला


तख्तापलट के खेल के बीच चिराग पासवान ने बतौर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. आज की इस बैठक में एलजेपी के पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकालने पर फैसला हो सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि चिराग अब बागी चाचा पशुपति पारस , भाई प्रिंस राज और बाकी सांसदों को बगावत की सजा देंगे.


बागी गुट ने किया ये काम


एलजेपी के संविधान के मुताबिक चिराग पासवान अध्यक्ष के तौर पर अपनी ताकत का इस्तेमाल करेंगे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाने का अधिकार पार्टी के अध्यक्ष को है. सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 96 में से 62 सदस्य चिराग के साथ हैं. इधर, बैठक से पहले बागी गुट ने एलजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष चुन लिया है.


गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति पारस को इस पद के लिए चुन लिया है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चिराग को पार्टी से दूर कर चाचा पशुपति पारस जेडीयू से हाथ मिलाने के फिराक में हैं. हालांकि इस बात की अब तक पुष्टि दोनों पार्टियों में से किसी के नेता ने नहीं की है.  


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