पटना: एनडीए में रहते हुए भी लगातार नीतीश कुमार की फजीहत कर रहे चिराग पासवान ने एनडीए से किनारा करने के बाद अब खुले तौर पर नीतीश कुमार पर अटैक करना शुरू कर दिया है. कल एनडीए से अलग होने की घोषणा करने की बाद आज चिराग पासवान ने ट्वीट कर जेडीयू को वोट नहीं देने की अपील की. वहीं एक पत्र जारी कर अपनी मनोदशा बिहार की जनता के साथ साझा की.
जेडीयू को दिया गया वोट पलायन करने पर करेगा मजबूर
चिराग ने ट्वीट कर लिखा कि बिहार राज्य के इतिहास का ये बड़ा निर्णायक क्षण है. करोड़ों बिहारियों के जीवन मरण का प्रश्न है क्योंकि अब हमारे पास खोने के लिए और समय नहीं है. जेडीयू के प्रत्याशी को दिया गया एक भी वोट कल आपके बच्चे को पलायन करने पर मजबूर करेगा.
पापा के स्वास्थ्य को लेकर हूं चिंतित
वहीं अपने पत्र में चिराग पासवान ने लिखा कि आज आप लोगों को यह पत्र लिखते वक्त जहां एक तरफ मैं उत्साह और ऊर्जा से लबरेज हूं, तो वहीं दूसरी तरफ पापा के अस्वस्थ होने के कारण चिंतित और परेशान भी हूं. उन्हें हॉस्पिटल बेड पर उपकरणों से घिरा देखकर सामान्य बने रहना आसान नहीं है. हर बेटे की तरह मेरे लिए भी उनकी मौजूदगी ही मेरी ताकत है.
ताकतवर लोगों के खिलाफ हुआ हूं खड़ा
चिराग ने कहा कि मेरे पास उनके आशीर्वाद के अलावा अगर कुछ है तो वो है उनकी 5 दशकों की जन सेवा बिहार और बिहारवासियों के उनके सपने को लेकर मैं लोगों के बीच जाऊंगा. मुझे पता है कि मैं ताकतवर लोगों के खिलाफ खड़ा हो गया हूं. लेकिन बिहार को फर्स्ट बनाने का जो सपना पापा ने बिहारियों के लिए देखा था, उसे अंजाम तक पहुंचाने की हरसंभव कोशिश करूंगा.
पार्टी हित से ऊपर राष्ट्र हित
उन्होंने कहा कि पापा आज मेरे साथ होते तो कई मुश्किलें आसान हो जाती, लेकिन मुझे पता है कि पापा को गर्व है कि उनका बेटा चिराग इतनी मुश्किल परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों से नहीं हिला और जो बातें वह पिछले एक वर्ष से "बिहार फस्स्ट बिहारी फर्स्ट" के माध्यम से कहता आया है, आज भी उन्हीं बातों पर अडिग है. पापा ने हमेशा कहा है कि व्यक्तिगत हित से ऊपर पार्टी हित होता है और पार्टी हित से ऊपर राष्ट्रहित होता है आज राष्ट्रहित और बिहार हित में सही फैसला लेने का यही समय है.
बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की सोच मिटने नहीं दूंगा
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि बिहार की जनता में पापा के प्रति जो प्यार है वो मुझे भी मिलेगा. जब से मैं सक्रिय राजनीति में आया हूँ तब से मैंने पूरी लगन और निष्ठा के साथ कार्य किया है, लेकिन अब बिहार को आगे बढ़ाने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे, जिससे बिहार की खो रही अस्मिता को लौटाया जा सके. पापा का अंश हूँ कभी भी परिस्थितियों से हार नहीं मानूंगा और ना ही किसी भी कीमत पर "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" की सोच को मिटने दूंगा.